आज देश 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से तीनों सेनाओं के सेनापति चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस का पद सृजित करने का बड़ा ऐलान किया.प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में सैन्य व्यवस्था, सैन्य शक्ति और सैन्य संसाधन में सुधार पर लंबे अरसे से चर्चा चल रही है. कई कमीशनों के रिपोर्ट आई. सभी रिपोर्टों में कहा गया कि हमारी तीनों सेनाओं जल, थल, नभ के बीच समन्वय तो है, लेकिन आज जैसे दुनिया बदल रही है ऐसे में भारत को टुकड़ों में सोचने से नहीं चलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी पूरी सैन्य शक्ति को एक मुश्त होकर एक साथ आग बढ़ने में काम करना होगा. अब हम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस की व्यवस्था करेंगे. इस पद के गठन के बाद तीनों सेनाओं के शीर्ष स्तर एक प्रभावी नेतृत्व मिलेगा.
आपको बतादें कि 1999 में कारगिल युद्ध में पाया कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल की कमी रह गई. इसके बाद देश में चीफ ऑफ स्टाफ का पद बनाया गया. इसका काम सिर्फ तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बैठाना होता है. इसके बाद 2012 में नरेंद्र चंद्र कार्यदल ने इसके लिए एक पर्मानेंट पद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाने की मांग की थी.
मौजूदा व्यवस्था में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) होता है. चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी में सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख रहते हैं. सबसे वरिष्ठ सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है. यह पद वरिष्ठतम सदस्य को रोटेशन के आधार पर रिटायरमेंट तक दिया जाता है. लंबे समय से चीफ ऑफ डिफेंस बनाने की मांग हो रही थी. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ ऑफ स्टाफ बनाने की घोषणा कर दी है.
लाल किले से संबोधित के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद पर भी जैम कर हल्ला बोला. उन्होंने कहा कि दुनिया आज असुरक्षा से घिरी हुई है. दुनिया के किसी न किसी भाग में मौत का साया मंडरा रहा है. भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है.
साथ ही पाकिस्तान का बिना नाम लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को पनाह देने वालों को हम दुनिया के साथ बेनकाब करेंगे और आतंकियों का खात्मा करेंगे. कुछ लोगों ने सिर्फ भारत नहीं हमारे पड़ोसी राष्ट्रों को भी आतंकवाद से परेशान करके रखा है. बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका आतंकवाद से जूझ रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक लहजे में कहा कि भारत ऐसे में मूकदर्शक नहीं बना रहेगा. आतंकवाद को एक्सपोर्ट करने वालों को बेनकाब करने का वक्त आ गया है.