फिलिस्तीन को तोडकर, इस्राइल को जबरन बनाकर, दुसरे विश्वयुद्ध के बाद, तथाकथित दोस्त मुल्को ने, दुनिया के कुछ देशों की व्यवस्था के नाम पर, जो बंदरबाट की है ! उसीका फल है, इस्राइल और फिलिस्तीन की समस्या !


14 मई 1948 के दिन फिलीस्तीनियों के विरोध को अनदेखा कर के, इस्राइल नाम का नया देश, अंग्रेजों ने ( भारत – पाकिस्तान के जैसे ही ! ) फिलिस्तीन को छोडते हुए, बना दिया ! और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, पुनः दुनिया को तथाकथित शितयुध्द के दौर में, युद्ध तथा अशांति की खाईमे डालनेका गुनाह किया है !


और आज 2023 के अक्तूबर 7 तारीख से, इस्राइल गाजा पट्टी पर, सात महीनों से अधिक समय से लगातार हमले करते हुए, अब तो गाझा के प्रवेश द्वार रफाह पर भी कब्जा कर लिया है ! और एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई है जिसमें आधे से अधिक बच्चे है ! और इस कारण अब गाझा के भीतर, कोई भी मेडिकल या खाने पीने की वस्तुओं को पहुंचाने के लिए, इस्राइल की इजाजत के बगैर, एक कण भी गाझा के अंदर जाने की संभावना बची नहीं है ! वैसे ही गाझा के अस्पताल तथा स्कूल तथा रिहायशी मकानों को भी धराशायी कर दिया है ! और 25 लाख से अधिक लोगों को खुले आसमान के निचे, और चारों ओर बमबारी से टुटी हुई इमारतों के मलबे में रहने के लिए मजबूर कर दिया है ! और विश्व के दादा मुल्क सिर्फ इस्राइल को इशारे देने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं ! अब तो रफाह स्थित यूएनओ की तरफ से मदद करने के लिए जो बिल्डिंग थी, उसे भी इस्राइल ने ताज़ा हमले में खंडहर में तब्दील कर दिया है ! और वह सेंटर अब बंद कर दिया गया है ! और संपूर्ण तथाकथित सभ्य देश चुपचाप तमाशा देख रहे हैं !


तथाकथित बाल्फोर्ड समझौते को 1917 मे, जिसमे यहूदि लोगोके लिए, एक अलग राष्ट्र देने का वादा किया था ! जैसे अंग्रेजों की बाप – दादाओं की जायदाद थी ! और अपनी मन मर्जी से इस्राइल नाम का नया देश पैदा कर के, संपूर्ण विश्व में फैले और फले-फुले यहूदीयोके लिए, एक अलग राष्ट्र देने का, और द्वितीय विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद, खुद भारत – पाकिस्तान के जैसे फिलस्तीन से हटने के पहले इस्राइल का निर्माण करके बिल्कुल दुनिया मे दो और नये राष्ट्रों के बनाने की ऐतिहासिक भूल की है ! जिसके कारण विश्व की शांति के लिए हमेशा के लिए खतरा बनाने की साजिश कर गए हैं !


आज यह सब लिखने की वजह रमजान का महीना शुरू है ! और साथ-साथ जेरूसलम और गाझापट्टी और मुख्यतः शेख जर्रे जिला जो वेस्ट बैंक के हिस्सेमें पडता है ! वहां लगातार हमले करके फिलीस्तीनियों की जगहों पर हमले करके, यहूदियों को बसाने का काम कर रहे हैं ! आंतरराष्ट्रीय फोरम यू एन ओ के प्रस्ताव को अनदेखा कर के 1967 के युद्ध के बाद जो समझौता हुआ था ! उसकी इस्राइल ने कभी भी पर्वा नहीं की है ! और अमेरिका इस्राइल के हर गलत काम का समर्थन करते हुए, यूएनओ में वेटो का इस्तेमाल इस्राइल के पक्षमे काम करते रहता है !
गाझा पट्टी में आज पच्चीस लाखसेभी ज्यादा संख्या में फिलीस्तीनियों की बस्ती है ! जो दुनिया के किसी भी जगह की तुलना मे सबसे भीडभरी जगह है ! मै आजसे 13 साल पहले, 2011 के जनवरी की शुरूआतका एक हप्ते से भी ज्यादा समयके लिए खुद गाझा मे रहकर, अपने अनुभव के आधार पर यह लिख रहा हूँ ! शायद ही कोई मकान होगा, जिसमें मोर्टर के छेद या बम ब्लास्ट के कारण मकान टुटे नहीं हो ! और इसमें स्कूलों से लेकर अस्पताल गाझा विश्वविद्यालय और आम गाझा वासियों के मकान सभी इस्राइल के हमले की याद दिलाते हैं ! नहीं गाझा एयरपोर्ट बचा है ! और नाही पानीका पोर्ट ! एक तरह से संपूर्ण विश्व से अलग थलग करके रख दिया है ! इजिप्त के सिनाई प्रान्त के रफाह नाम का छोटा सा द्वार से जाना पडता है ! और दुसरे तरफ इस्राइल वाली साइडमे, पच्चीस-तीस फीट की ऊंचाई तक, कांक्रीट की दिवार बनाकर रखा है ! जिसमें कुछ दरवाजे बने हैं ! लेकिन इस्राइल की मर्जी के बगैर परिंदे भी उनमेसे नही आ – जा सकते ! मुझे रह – रहकर आश्चर्य हो रहा था, कि गाझा वासियों के जीवन-यापन का जरिया क्या है ? क्योंकि नही कोई बडा कलकारखाना है ! और नाही पर्याप्त मात्रा में जमीन है ! जिसमें खेती करने के लिए जगह हो ! भूमध्यसागर के किनारे 27/9 किलोमिटर की यह पट्टी, इस्राइल ने अपने तरफ वाले हिस्से को, पच्चीस से तीस फीट की ऊंचाई तक कांक्रीट की दिवार बनाकर, एक तरह से खुले जेलो जैसे, गाझा हो या वेस्ट बैंक के हिस्से इसी तरह की दिवारें बनाकर एक तरह से सभी फिलीस्तीनियों को जेल मे डाल दिया है !


मुझे रह – रहकर आश्चर्य होता है, कि यह वही लोग हैं, जो सौ साल पहले हिटलर ने यहूदियों के साथ किये हुए, अत्याचार सहकर, कुछ यहूदि आज भी जिंदा होंगे ! और उनमेसे कुछ इस्राइल मे हिटलर के अत्याचार से बचकर आये हो ! और इस्राइल मे रहकर अपने अनुभव के बाद भी, इस्राइल की यही कृती जो कभी हिटलर ने यहूदियों के साथ की थी ! तो वह कैसे चुप रह कर, गत 76 साल से भी ज्यादा समय हो रहा है ! 14 मई 1948 के बाद, लगातार इस्राइल जो 1948 में 55%हिस्सेदारी ( वह एक गलत है ! क्योंकि जनसंख्या के आधार पर फिलीस्तीनियों की संख्या ज्यादा थी ! और 1948 को तो कुछ गिने-चुने यहूदियों की संख्या थी ! ) होने के बावजूद, अब आप बगल के नक्शे पर नजर डालें तो, 1948 से आजतक के, फिलिस्तीन की जमीन इस्राइल दखल करते-करते, अब गाझा पट्टी और वेस्ट बैंक के हिस्से कितने सिकुड़ कर, और उन सबको ऊंची-ऊंची दिवारो के अंदर बंद कर के रखा है ! और अभी अलअक्सा मस्जिद के उपर पिछले सोमवार को इस्राइल की पुलिस ने हमला कर के, तिनसौसे ज्यादा फिलीस्तीनियों को जख्मी करने की घटना, टोटल इस्राइल की आक्युपाई टेरिटरी के कार्यक्रम का पार्ट लग रहा है ! क्योंकि बेंजामिन नेतन्याहू चार बार चुनाव करके भी अल्पमत में हैं ! और अपनी राजनीतिक जमीन बनाने के लिए, फिलिस्तीन की बची खुची जमीन दखल करके, तथाकथित ग्रेटर इस्राइल बनाने के लिए, वर्तमान युद्ध रमजान का महीना होने के बावजूद ! अकेले गाझा पट्टी में आज पचास से भी ज्यादा लोग मारे गये ! और शेख जर्रे जिलामे जबरदस्ती मकान बनाने के बाद यहूदियों को बसाने का काम कर रहे हैं ! जो वेस्ट बैंक के हिस्से में है ! और वहां कितनी संख्या में लोग मर रहे पता नहीं चल रहा है ! क्योंकि आठ मई के दिन हम लोग इसी विषय पर भारत-फिलिस्तीन साॅलिडॅरिटी फोरम की तरफ से एक वेबीनार में शेख जर्रे जिला के रहवासियों के साथ भी काफी दिक्कतें के बावजूद बात कर रहे थे ! बिल्कुल युद्ध सदृश्य स्थिति है ! यह वह बता रहे थे ! कल परसों से भारतीय मिडियाने भी जो खबरें और फोटो छापे है ! वह देख कर मुझे लगता है, कि इस्राइल बचा-खुचा फिलिस्तीन दखल करने के लिए ही, यह सब कुछ कर रहा है ! और विश्व मुख्य रूप से संपूर्ण विश्व के मानवाधिकार का ठेका ले रखा अमरीका बिल्कुल भी नहीं बोल रहा है ! आज 76 सालों से अमेरिकी प्रशासन फिर वह रिपब्लिकन पार्टी के हो या तथाकथित डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी ने इस्राइल का पक्ष लिया है ! क्योंकि अमेरिकी इकोनामि से लेकर साइंस,टेक्नोलॉजी मल्टिनॅशनल कंपनियों से लेकर बैंक और होलीवुड सब पर झियोनीस्ट लाॅबी का कब्जा है ! और अमेरिकी प्रशासन कभिभी इस्राइल के खिलाफ हो ही नहीं सकता है ! और यूएनओ के सबसे ज्यादा प्रस्ताव फिलिस्तीन समस्या को लेकर पास हुए है ! लेकिन अमेरिकी वीटो के कारण बेजान होकर पडे हुए हैं ! और तथाकथित सभ्य दुनिया के अन्य यूरोपीय देशों के चुपचाप रहने से ही इस्राइल इतना साहस कर रहा है !


डॉ. सैम्युअल हंटिग्टन के द्वारा अमेरिकी रक्षा विभाग की पत्रिका में नब्बेके दशक के शूरू मे ही, तथाकथित ‘क्लॅश ऑफ सिविलयजेशन’ नाम की थियरी काॅइन करते हुए ! विश्व की शांति के लिए खतरा बनने के लिए इस्लाम धर्म को जिम्मेदार ठहराया ! लेकिन इस्लामिक आतंकवाद की खेती, सी आई ए और अमेरिकी प्रशासन फिर दोनों बुश के समय मे ! तो ओसमा बीन लादेन को व्हाइट हाउस के, मेहमान का दर्जा देने वाले कौन लोग है ? और संपूर्ण इस्लामिक जगत के विभिन्न आतंकवादियों को, अभी इसीस के नाम से, इराक,सीरिया में गत 10 साल पहले से जो कुछ चल रहा है ! उसे रसद और ट्रेनिंग देने के लिए सी आई ए ने क्या-क्या नहीं किया है ? तो अमेरिका के आतंकवाद के सवाल पर आकलन करे तो इस्राइल टोटली आतंकवादी देश है ! और उसे नही रोका गया तो संपूर्ण विश्व में कभीभी शांति कायम नहीं हो सकती हैं ! आज इस्राइल को रोका नहीं तो फिलिस्तीन का अस्तित्व खत्म हो जायेगा ! क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने जाते-जाते, लगभग विश्व के सभी प्रमुख इस्लामीक देशोसे तथाकथित शांति समझौता, इस्राइल के साथ कराके, और जेरूसलम जो की आंतरराष्ट्रीय कब्जे में होने के बावजूद, ट्रंप ने उसे इस्राइल की राजधानी घोषित कर दिया है ! और इस्राइल मे अमेरिकी एंबसी को तेल-अवीव से जेरूसलम में लाकर खड़ा कर दिया है ! तो अब बचा क्या है ? जिस जेरूसलम को विवादस्पद जगह के कारण आंतरराष्ट्रीय शहर का दर्जा दिया गया था ! लेकिन अमेरिका नाही कोई प्रस्ताव का पालन करता है ! और नाही किसी कानून की ! ऐसे समय विश्व के अन्य देशों से मेरा विनम्र निवेदन है, कि इस्राइल गाझा और वेस्ट बैंक के हिस्से में आज जो कुछ कर रहा है ! उसे फ़ौरन रोकने के लिए कहे और उस क्षेत्र में शांति कायम करने का काम करने के लिए तुरंत पहल करे अन्यथा फिलिस्तीन की समस्या और पेचीदगियों से बिगड़ जाने की संभावना है !

Adv from Sponsors