नवजात बच्चों को पैकेट बंद दूध पिलाना आम बात है. लेकिन इसे लेकर हाल में जो खबर आई है, वो चौंकाने वाली है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के हालिया अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत में बिकने वाला करीब 10 प्रतिशत दूध स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. चिकित्सकों का कहना है कि इस पैकेटबंद दूध से नवजातों या बच्चों में भी बड़ी आसानी से ‘डेवलपमेंट डिसऑर्डर’ हो सकता है.
प्रीमैच्योर बॉडी के लिए नुकसानदेह
डॉक्टरों का कहना है कि नवजात या कम उम्र के बच्चों के लिए मिलावटी या पैकेट में बंद दूध बहुत नुकसानदायक है, क्योंकि उनका शरीर प्रीमैच्योर होता है और किसी भी तरह की मिलावट का उनके हर अंग पर बुरा प्रभाव पड़ता है. खासतौर पर किडनी, लीवर और ब्रेन पर मिलावट वाले दूध घातक परिणाम डालते हैं.
श्री बालाजी ऐक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर जी.एस. लांबा ने कहा, कि मिलावटी या कॉन्टैमिनेटेड दूध से होने वाला नुकसान इस बात पर निर्भर करता है कि कॉन्टैमिनेशन कैसा है. अगर दूध में बैक्टीरियल कॉन्टैमिनेशन है तो आपको फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द, डायरिया, इंटेस्टाइन इंफेक्शन, टाइफाइड, उल्टी, लूज मोशन जैसे इंफेक्शन होने का डर होता है.
यूरिया का होता है इस्तेमाल
हाल ही में यह खुलासा हुआ था कि भारत में बिकने वाला करीब 10 प्रतिशत दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इस 10 प्रतिशत में 40 प्रतिशत मात्रा पैकेज्ड मिल्क की है, जो हमारे हर दिन के भोजन में इस्तेमाल में आता है. इसे लेकर डॉ. लवकेश आनंद का कहना है कि मिलावटी दूध में यूरिया, वेजिटेबल ऑयल, ग्लूकोज से लेकर अमोनियम सल्फेट, एंटीबायोटिक्स, कीटनाशक, एफ्लाटॉक्सिन एम 1 तक पाया जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक हैं.