किसानों को मैं संघ की योजना के हिसाब से खेती करने की ट्रेनिंग दिलवा रहा हूं. अब क्या करूं, किसानों की सब्सिडी छीनना मेरी मजबूरी है और मैंने ये प्रयास प्रारंभ कर दिया है कि किसानों से भी जल्द ही इनकम टैक्स लेना शुरू किया जाए क्योंकि किसान अपने खाते में उन लोगों के भी पैसे ले रहा है, जो खेती नहीं करते हैं.
योगा दिवस के लिए, जो साल में एक बार मनाया जाता है, मेरे पास 500 करोड़ रुपए हैं, जो मैंने उन्हें दिये हैं. स्वामी रामदेव को हरियाणा के स्कूलों में योग सिखाने के लिए सालाना 700 करोड़ रुपए दिलवाए हैं. ये अलग बात है कि स्कूलों के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं, इसलिए मजबूरन प्राथमिक शिक्षा के बजट में 20 प्रतिशत की कटौती करनी पड़ी है.
मेरे पास कॉरपोरेट को टैक्स छूट देने के लिए 64 हजार करोड़ तो हैं, क्योंकि अगर उन्हें छूट नहीं देंगे तो वे परेशानी में आ जाएंगे, लेकिन आत्महत्या कर रहे किसानों का ऋृण चुकाने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए नहीं हैं. मेरे कुछ मंत्रियों का मानना है कि किसान आत्महत्या फैशन में कर रहे हैं. स्किल इंडिया के लिए 200 करोड़ का विज्ञापन बजट है, मगर युवाओं की छात्रवृत्ति में 500 करोड़ की कटौती मैंने कर दी है, क्योंकि वे भारत माता की जय नहीं बोल रहे थे.
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सरकार घाटे में है. रेलवे की जमीनें बेचने का टेंडर मैंने पास कर दिया है, क्योंकि अडानी को 22 हजार करोड़ रुपए देने हैं. दूसरी तरफ अभी रेलवे का किराया कितना भी बढ़ाया गया हो, इसका सुधार नहीं हुआ, कोई बात नहीं, लेकिन सबसे असुरक्षित रेल को सेफ्टी सेस के रूप में मुझे पैसे बढ़ाने की सलाह अपने रेलमंत्री को देनी पड़ी. या कह सकते हैं कि उन्होंने सलाह दी, वो मैंने मान ली.
विजय माल्या को नौ हजार करोड़ लोन दिया था, जिसे लेकर वो विदेश भाग गए. कोई बात नहीं, देश के हर किसी का, यदि प्रति व्यक्ति ये पैसा बांटा जाए, तो सिर्फ 75 रुपया ही तो हर एक के सर पर गया या उसकी जेब से निकला.
अच्छे दिनों का सपना साकार हो रहा है, मेरी सरकार का और देश को समृद्ध बनाने की योजना बनाने वाले पूंजीपतियों का. आपको इससे ज्यादा सही जानकारी हो, तो कृपया मुझे बताएं. मैं आपसे अपील करता हूं कि मेरी सरकार के कामों को जनता तक अवश्य पहुंचाएं. अब मैं आपको कुछ और तथ्य बताना चाहता हूं.