दक्षिण कोरिया की यात्रा पर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोल में एक वक्त बेहद प्रदूषित रही श्योंगेश्यॉन नहर का नज़ारा लिया और इससे उत्साहित उनकी आम आदमी का पार्टी ने इसे यमुना को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए एक नज़ीर माना. मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल की यह पहली द्धिपक्षीय विदेश यात्रा है. उनके साथ शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन भी इस यात्रा पर आए हैं. केजरीवाल ने योनसी विश्वविद्यालय में चल रहे इंडिया फेस्टिवल ‘सारंग 2018’ की सराहना की और कोरिया के लोगों को भारत की धरोहर से रूबरू कराने के लिए सोल में भारतीय दूतावास की सराहना भी की.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर बेहद प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं और इस बात से खुश हूं कि दूतावास ने भारत की संस्कृति से कोरियाई लोगों को रूबरू कराने की पहल की. मैं बेहद प्रसन्न हूं, मैं यहां एक सम्मेलन में भाग लेने आया हूं और साथ ही दिल्ली और सोल के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर करने आया हूं.’’
पार्टी ने ट्वीट में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री केजरीवाल प्रदूषण, जल, सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा और शहरी विकास पर दिल्ली और सोल के बीच समझौते के लिए आए हैं. अगर सोल के पुराने इलाके की श्योंगेश्यॉन नहर को पर्यटक स्थल में परिवर्तित किया जा सकता है तो यमुना और दिल्ली के नालों का कायाकल्प क्यों नहीं किया जा सकता.’’
वहीं दूसरी ओर इस पर विपक्षी पार्टियों ने केजरीवाल के आड़े हाथ लिया है. भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दक्षिण कोरिया के दौरे पर सवाल उठाया है और उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सरकारी खर्चे पर अपने सलाहकारों को विदेश भ्रमण करा रहे हैं. उनकी इस यात्रा से दिल्ली को कोई लाभ नहीं होगा. वहां से लौटकर वह दिल्ली के नालों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने का सपना ज़रूर दिखाएंगे. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का दक्षिण कोरिया का दौरा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दोहरे चरित्र की पोल खोलता हैं.