भुवनेश्वर: अगर देश में मोदी लहार है तो ओडिशा में नवीन बाबू कि लहार है। भले ही इस बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव जीतकर ओडिशा में सेंध लगाने कि कोशिश कि लेकिन विधान सभा चुनाव में BJD ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और इसी का नतीजा है कि, नवीन पटनायक आज पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल ने रविवार को राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए बीजू जनता दल (BJD) अध्यक्ष को आमंत्रित किया था। शपथ ग्रहण समारोह भुवनेश्वर के प्रदर्शनी मैदान में आयोजित किया जाएगा। लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार पटनायक ने रविवार को राज्यपाल से मुलाकात की और बीजद विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सरकार बनाने का दावा किया।
उनकी पार्टी ने 146 विधानसभा सीटों में से 112 पर जीत दर्ज की है। 72 साल के पटनायक साल मार्च 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। मई 2004 में वो फिर से मुख्यमंत्री चुने गए। मई 2009 वो वो तीसरी और मई 2014 को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
अपने नए विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि जब तक आप लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देंगे तब तक राजनीति मुश्किल नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं कि बीजेडी की निरंतर सफलता का रहस्य क्या है और मैं हमेशा इन दो बिंदुओं को को ध्यान में रखता हूं कि लोगों को ध्यान में रखें और लोगों के लिए काम करें।’
पटनायक ने कहा, ‘हमेशा एक साधारण जीवन जीएं। जब आप सरल होते हैं तो लोग आपके करीब होते हैं।’
विधानसभा में बीजेडी को भले ही एक बार फिर बड़ी सफलता मिली हो, लेकिन 21 लोकसभा सीटों में से यह क्षेत्रीय दल केवल 12 सीटें ही जीत पाया। 2014 लोकसभा चुनाव में पटनायाक की पार्टी ने 20 सीटें जीती थीं जबकि भाजपा के खाते में केवल एक ही सीट आई थी। इस बार भाजपा ने आठ लोकसभा सीटें और कांग्रेस ने एक सीट इस राज्य में जीती।