नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के सीएमडी अरूप रॉय चौधरी की करतूतों के खिला़फ चौथी दुनिया के विभिन्न संस्करणों में ़खबर प्रकाशित होने के बाद रॉय चौधरी ने चौथी दुनिया के खिला़फ आपत्तिजनक पर्चेबाजी शुरू कर दी है. सीएमडी के इशारे पर ये पर्चे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वितरित किए जा रहे हैं और अ़खबारों में संलग्न किए जा रहे हैं. सीएमडी रॉय चौधरी की बौखलाहट इसलिए भी है कि चौथी दुनिया की खबर को संज्ञान में लेकर भाजपा सांसद कौशल किशोर ने एनटीपीसी के भ्रष्टाचार के खिला़फ संसद में मामला उठा दिया और प्रधानमंत्री से सीएमडी को बर्खास्त करने की मांग की. संसद में आवाज़ उठते ही अरूप रॉय चौधरी ने पेशबंदी की व्याकुल हरकतें शुरू कर दीं. उन्होंने देश के ऊर्जा मंत्री और सांसदों को पटाने के इरादे से 19 मार्च को दिल्ली के आलीशान अशोका होटल में शानदार डिनर का आयोजन कर डाला. पंच सितारा होटल में डिनर आयोजित करते हुए एनटीपीसी के सीएमडी यह भी भूल गए कि केंद्र सरकार ने बाकायदा अधिसूचना जारी करके किसी भी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) द्वारा पंच सितारा होटलों में ऐसे खर्चीले आयोजन करने पर पाबंदी लगा रखी है. सवाल यह भी है कि जब ढेरों सांसदों को रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया गया, तो उस सांसद को क्यों छोड़ दिया गया, जिसने सीएमडी के घोटालों को संसद तक पहुंचाया था?
चौथी दुनिया के खिला़फ बंटवाए जा रहे पर्चे में आपत्तिजनक और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है और सीएमडी ने अपनी करतूतों को एनटीपीसी के कंधे पर थोपने की कोशिश की है. एनटीपीसी की सिमाद्री परियोजना की ज़मीन हिंदुजा समूह को दिए जाने के अवैध प्रयासों के बारे में छपी खबर पर सीएमडी ने पर्चे के ज़रिये सफाई देने की कोशिश की है. उस सफाई में भी खुद दायित्व स्वीकार करने के बजाय एनटीपीसी को ही आगे किया गया है. चौथी दुनिया के सभी भाषा संस्करणों यथा, हिंदी-अंग्रेजी-उर्दू में खबर प्रकाशित होने के बाद एनटीपीसी के सीएमडी को अगर कोई आपत्ति थी, तो नियमत: उन्हें अ़खबार से संपर्क करके औपचारिक रूप से अपना पक्ष रखना चाहिए था, लेकिन उन्होंने नियम का पालन करना उचित नहीं समझा और बेजा हरकतों पर उतरना अधिक उपयुक्त समझा. बेचैनी इतनी ज़्यादा थी कि एनटीपीसी एक्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (नेफी) के अध्यक्ष राकेश पांडेय के खिला़फ जो विभागीय चार्जशीट जारी की गई, उसमें एनटीपीसी प्रबंधन ने चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय का नाम गवाह (विटनेस) के रूप में डाल दिया. इस बारे में श्री भारतीय समेत अ़खबार के सभी लोग हैरत में हैं कि एनटीपीसी अपनी अंदरूनी कार्रवाइयों में बाहरी लोगों को घसीटने की हरकतों पर क्यों उतारू है!
बहरहाल, 19 मार्च को दिल्ली के आलीशान अशोका होटल में आयोजित भव्य डिनर कार्यक्रम में थोड़ी देर के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे ज़रूर, लेकिन माजरा समझ कर वह कुछ ही मिनटों में वहां से चले गए. डिनर के लिए छपे आमंत्रण कार्ड पर बाकायदा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल का नाम प्रकाशित किया गया था. कार्ड पर यह भी लिखा था कि डिनर के साथ-साथ प्रोजेक्ट पर विचार-विमर्श भी किया जाएगा, लेकिन डिनर के आयोजन में प्रोजेक्ट पर डिस्कशन तो एक बहाना भर था. यही साबित भी हुआ और सुस्वादु डिनर में डिस्कशन विलुप्त हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को केंद्र सरकार की अधिसूचना का हवाला देते हुए पंच सितारा होटल में किए गए ग़ैर-क़ानूनी डिनर आयोजन को संज्ञान में लेने का औपचारिक आग्रह किया गया है. प्रमुख समाजसेवी महेंद्र अग्रवाल ने नवरत्नों में शुमार एनटीपीसी को भ्रष्टाचारियों और अराजक तत्वों के चंगुल से निजात दिलाने की अपील की है और सीएमडी की करतूतों की पूरी
फेहरिस्त भेजी है.