यूपी में कोविड की बेहतर होती स्थिति के दृष्टिगत रविवार की साप्ताहिक बंदी खत्म कर दी गई है। अब से सभी बाजार रविवार को भी ख़ुलेंगे। सीएम योगी ने कहा कि इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया जाए। कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराया जाए। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करें।

■ कोविड पर नियंत्रण के लिए एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति को उत्तर प्रदेश ने बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया है। प्रदेश में अब तक 07 करोड़ 01 लाख 69 हजार से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है, तो 06 करोड़ 24 लाख से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। 05 करोड़ 26 लाख से अधिक प्रदेशवासियों ने कम से कम वैक्सीन की एक डोज प्राप्त कर ली है, जबकि टीके की दोनों डोज प्राप्त करने वालों की संख्या जल्द ही एक करोड़ के पार हो जाएगी। शनिवार का दिन, वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए लोगों के लिए आरक्षित रखें।

सतत प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। आज प्रदेश के 15 जनपदों (अलीगढ़, अमेठी, बदायूं, बस्ती, देवरिया फर्रुखाबाद, हमीरपुर,हरदोई, हाथरस, कासगंज, महोबा, मिर्जापुर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती और शामली) में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है और रिकवरी दर 98.6 फीसदी है। विगत 24 घंटे में हुई 02 लाख  33 हजार 350 सैम्पल की टेस्टिंग में 58 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 17 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 408 रह गई है। यह समय सतर्कता और सावधानी बरतने का है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है

कुछ जनपदों में डेंगू के मरीजों की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य, नगर विकास एवं ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आवश्यकता के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दें। लोगों को डेंगू से बचाव के संबंध में जागरूक भी किया जाए।

गोरखपुर व सिद्धार्थनगर सहित कुछ जनपदों में अब भी बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति से जनजीवन प्रभावित है। हर एक व्यक्ति की सुरक्षा, उनके भरण-पोषण की व्यवस्था की जाए। राहत सामग्री उपलब्ध कराने में देरी न हो। बरसात के दृष्टिगत नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24 घंटे एक्टिव मोड में रखा जाए।

 

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