भोपाल ब्यूरो : पिछले लॉक डाउन के दौरान अपने गए ताली, थाली, मोमबत्ती के टोटके इस बार नए रूप में नजर आने वाले हैं। बढ़ते संक्रमण से लड़ने जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अब एक निश्चित समय पर सायरन बजाया जाएगा। इस दौरान दो मिनट के लिए रुक कर सबको कोविड के खिलाफ संकल्प लेना है। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को हास्यास्पद बताते हुए इस पर तंज कसा है।
कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में इंदौर, भोपाल और जबलपुर में पिछले माह की तुलना में ज्यादा केस आ रहे हैं। 23 मार्च को संकल्प अभियान होगा। इस दिन प्रदेश में सुबह 11 और शाम 7 बजे सायरन बजेगा। आमजन 2 मिनट का संकल्प लेंगे, जिसमें मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना शामिल है।

अब सायरन का शिगूफा : कांग्रेस
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में मध्यप्रदेश सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा है कि ताली-थाली के बाद अब मुख्यमंत्री द्वारा सायरन बजाने की अपील का शिगूफा छोड़ा है। सरकार की लापरवाही का परिणाम है। संक्रमण प्रदेश में 100- 200 से बढ़ते-बढ़ते 1300 के पार पहुंच गए हैं। सरकार एक तरफ कोरोना काल में बड़े- बड़े आयोजन कर रही है, जिसमें मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता 4-5 हजार लोगों की भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण फैलने की मुख्य वजह यही है। सरकार इसे छुपाने के लिए नया शिगूफा लाई है।


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मुश्किल भरे “लॉक” से मरीज हुए डाउन…
मार्च का आखिरी सप्ताह एक साल पुरानी कड़वी यादों के साथ शहर पर सवार है। लगातार बढ़ते संक्रमण आंकड़े को नियंत्रित करने की नीयत से शुरू किए गए सन्डे लॉकडॉन ने शहर की मुश्किलें बढ़ा दीं। परेशानियों के घेरे में सबसे ज्यादा मरीज दिखाई दिया। शाहरभर में २०० से ज्यादा स्थानों पर की गई बैरिकेटिंग ने अस्पताल तक पहुंचने के रास्ते मुश्किल कर दिए। परेशानियों के घेरे में वे परीक्षार्थी भी दिखे, जिन्हें विभिन्न परीक्षाओं के लिए अपने निर्धारित केंद्रों तक समय पर पहुंचने की मशक्कत बनी हुई थी।

मरीजों की मुश्किल
इमरजेंसी यदि मेडिकल हो तो भी बेरिकेटिंग से आदमी नहीं निकल सकता। जहांगीराबाद तरफ से आने पर तलैया थाने से आगे बुधवारा और सेंट्रल लायब्रेरी रोड बिल्कुल बंद कर दिया गया है। अंदर गलियों के मुहाने भी बंद हैं। ऐसे में जहांगीराबाद के व्यक्ति को हमीदिया अस्पताल जाने के लिए भारत टाकीज होते हुए हमीदिया रोड , माडल ग्राउंड रोड से जाना पड़ रहा है। इतना लंबा सफर तय कर अस्पताल पहुंचने में किसी गंभीर मरीज के साथ अनहोनी भी हो सकती है।

कलेक्टर _ डीआईजी मोर्चे पर
कलेक्टर अविनाश लवानिया और डीआईजी इरशाद वली सुबह से ही मोर्चे पर डटे हुए दिखाई दिए। थोड़ी समझाइश, थोड़ी सख्ती के मिलेजुले रवैए के साथ दोनों अधिकारी सड़कों पर निकलने वालों से बात करते नजर आए।

चौक_चौराहे सुने, गलियां आबाद
रविवारीय लॉक डाउन ने लोगों को देर सुबह तक बिस्तरों में कैद रखा। उसके बाद मुहल्ले और तंग गलियों वाले इलाकों में लोगों की जमावट दिखाई देने लगी। पिछले दरवाजे से किराना, सब्जी, दूध, पान, गुटखा, सिगरेट की खरीद फरोख्त का सिलसिला भी चलता रहा। इसके विपरित शहर के अधिकांश चौराहों पर आम आवाजाही शून्य थी, जबकि पुलिस, प्रशासन, वेलेंटियर्स की हलचल के बीच इक्का दुक्का जरूरतमंद और कामकाजी लोगों की निकासी दिखाई दे रही थी।
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लॉक डाउन रिटर्न :
फिर तैयार हो रहीं मददगार टोलियां

फिर लॉक डाउन, फिर मुश्किलें, फिर जरूरतें… सरकार प्रशासन की बे भरोसा व्यवस्थाएं… व्याकुल दिखाई देते लोग…! पिछले लॉक डाउन में मैदान सम्हालने वाली मददगार टोलियों की तरफ उम्मीद भरी नजरें उठने लगी हैं। मददगार बैठकों में व्यस्त हो गए हैं। इस रविवार महज व्यवस्था की निगरानी और अगली बार से कुछ जमीनी करने की तैयारी।
पिछले साल के लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों के लिए मैदान सम्हालने वालों ने न सिर्फ लोगों को भुखमरी के हालात में पहुंचने से बचाया था, बल्कि शासन प्रशासन की नाक कटने से भी बचाया था। इस लॉक डाउन के दौरान मदद के लिए क्या रणनीति बन रही है, हमने जाना कुछ चुनिंदा मददगार टीमों के अगुआओं से :

अगले हफ्ते सम्हालेंगे मैदान : सिकंदर
पिछले लॉक डाउन के दौरान पुराने शहर में करीब सात किचन सेंटर्स के जरिए शहर के करीब २५०० लोगों को रोज खाना पहुंचाने वाली सत्याग्रह टीम ने रविवार को बैठक कर आगामी योजना को आकार दिया है। टीम के अगुआ शाहवेज सिकंदर का कहना है कि इस हफ्ते पूरे शहर का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया गया है। शासन प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों को टटोल रहे हैं। अगले हफ्ते से लॉक डाउन की स्थिति निरंतर रहती है तो उनकी टीम अस्पतालों, रैन बसेरा और सड़क किनारे मौजूद लोगों को खाने के पैकेट पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। सत्याग्रह टीम में नवेद खान, आतिफ उल हसन, उमर असलम, आमिर जैद, जीतू कुमार, अजय शर्मा आदि शामिल हैं।

एक्शन एड फिर तैयार : सारिका
शहर की कई बस्तियों, फुटपाथ, प्रवासी मजदूरों आदि तक राशन पैकेट, दवाइयां, चप्पलें, कपड़े और मेडिकल चेक अप की सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली संस्था एक्शन एड ताजा हालात में भी अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार है। संस्था के सारिका सिंह और सैयद फैज अली का कहना है कि पिछले लॉक डाउन में कुछ पिछड़ी बस्तियों को चिन्हित कर यहां जरूरत का सामान पहुंचाया गया था। करीब २५ लाख रुपए से ज्यादा खर्च पर जरूरतमंदों की मदद की गई थी। उन्होंने बताया कि टीम के शिवानी, सोमिया आदि मेंबर नए लॉक डाउन के हालात पर नजर रखे हुए हैं। तय किया गया है कि स्थितियां पिछली बार की तरह बनती हैं तो एक बार फिर बस्तियों, फुटपाथ और जरूरी सेवा में तैनात लोगों के लिए मदद के लिए निकलेंगे।

सरकारी व्यवस्था पर भरोसा नहीं : मिर्जा इकबाल
निजी संस्थाओं, सहयोग के लिए निकले लोगों और सड़क पर आकर काम करने वाले लोगों के काम पर सरकारी ठप्पा लगाने के प्रयास पिछली बार किए जा चुके हैं। जबकि साथ साथ रोजा इफ्तार टीम ने पूरे लॉक डाउन काल में लोगों को जरूरत का राशन पहुंचाया था। संस्था के मिर्जा इकबाल बेग कहते हैं कि असल मकसद लोगों को मदद पहुंचना है लेकिन शासन प्रशासन को आम लोगों द्वारा किए जा रहे कामों को प्रोत्साहित करना चाहिए और जरूरी मदद भी दी जाना चाहिए। इकबाल ने बताया कि हर हफ्ते होने वाले लॉक डाउन में भी लोगों को कई परेशानियां आएगी। इसके लिए टीम तैयार की जा रही हैं, ताकि किसी गरीब को भूख की शिद्दत से तड़पना न पड़े।

सार्थक दिखा रहा सार्थकता : शैलेंद्र दुबे
रविवार को परीक्षाओं के लिए शहर आए बाहरी स्टूडेंट्स और फुटपाथ पर बसर करने वाले लोगों को खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी सामाजिक संस्था सार्थक द्वारा निभाई जा रही है। पूरा साल हर दिन अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों को खाना पहुंचाने में तैनात रहने वाले सार्थक टीम के शैलेंद्र दुबे, शैलजा दुबे, अर्पित तिवारी श्रुति मिश्रा ने बताया कि हालात को देखते हुए इस रविवार को खाने के अतिरिक्त पैकेट तैयार कर लिए गए थे। जो स्टूडेंट्स और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाए गए हैं। शैलेंद्र ने बताया कि उनकी टीम ने लॉक डाउन के दौरान करीब १७०० राशन पैकेट वितरित किए थे। जरूरतमंद बीमारों को इस दौरान ६०० यूनिट ब्लड का इंतजाम भी कराया गया था। साथ ही प्रशासन की मदद से कई बीमारों को अस्पताल तक पहुंचने में मदद भी की गई थी।

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इस रविवार सम्हाला मोर्चा
रविवार को लॉक डाउन के दौरान बैरागढ़ के सिंधी समाज ने लालघाटी और आसपास के लोगों को खाना पहुंचाने में मदद की है। इधर हमीदिया रोड गुरुद्वारा कमेटी ने हमीदिया रोड, नादरा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि पर मौजूद जरूरतमंद लोगों को खाना पहुंचाया। नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें भी व्यवस्था में जुटी हैं।

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