वीआईपी रोड हो, कमला पार्क का किनारा हो, भारत टॉकीज का तिराहा या जहांगीराबाद काली माता का मंदिर… तयशुदा जगहों के अलावा हर वह मोर्चा, जिसको पुलिस वाले चैकिंग का अड्डा बना लें…! चैकिंग कम, वसूली ज्यादा का सिलसिला किसी मौसम नहीं रुकता…! लॉक डाउन की कमाई के नुकसान को रिकवर करने मॉस्क और दुकानें बंद कराने में एडजस्ट करने के प्रयास भी कम नहीं हैं…!
हालात जो बनते हों बन जाएं, चैकिंग का खौफ देखकर विपरीत दिशा में दौड़ते वाहन कोई हादसा कर देते हों, कर दें, अपना कार्यक्रम तो जारी रहेगा…! किसी को अर्जेंसी है, कोई अपनी इज्जत को ढंके हुए खाली जेब सड़कों पर है, उनकी बला से…! हर सेर के लिए सवा सेर भी होता है, गुरूवार की रात दिखाई दिया…! घिघियाती पुलिस और गर्राता व्यापारी…!
नजारे कम देखने को मिलते हैं, इसलिए जमकर वायरल हुआ और ये वीडियो चटखारे लेकर लोगों ने देखा भी…! हर मन इस बात की आशंका थी कि भैया जी जोश में होश खो बैठे हैं, नतीजे अच्छे नहीं आएंगे, वीडियो देखने वालों के मन में अहसास था…! हुआ भी वही, शुक्रवार का सूरज उनके लिए दसों धाराओं भरा अपराधनामा लेकर आया, जो रात को गुस्से से तमतमाए हुए थे…! वैसे सुरक्षा के जिम्मेदारों का पुराना शगल है, कानून को किस एंगल से खेलना है, इसका बड़ा ज्ञान उनकी जेब में रखा हुआ है…!
गुरूवार की ही शाम बेशर्मी का एक नजारा नीलम पार्क पर भी देखा गया था…! हक के लिए आवाज उठा रहे उन हेल्थ वर्कर्स को सड़कों पर लौटा-लौटा कर पीटा गया, जिन्हें चंद दिनों पहले फूल मालाएं पहनाते नहीं थक रहे थे…! सरकार की वफादारी में जो किया जाए कम है, भैया लोगों ने भी वही किया…! प्रदेश की राजधानी से लेकर देश की राजधानी तक पुकार उठी हुई है, रहम करो भैया, ऐसी सुरक्षा नहीं चाहिए…!
आओ खुद की ,नपती हो जाए
इंदौर कांग्रेस के कर्णधारों ने एक अजीब फरमाईश आलाकमान के सामने रख दी है। लंबी फेहरिस्त में कई बड़े बल्लम नेताओं के नाम शामिल कर उन्हें नगरीय निकाय चुनावों में उतारने की मांग की है। यह ख्याल नेताओं के मन क्यों आया, इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए। या तो वे पार्टी की पतली हालात को देखते हुए मुहल्ला चुनाव जीत पाने के लायक भी खुद को नहीं मान रहे हैं, या फिर उन नेताओं को तोलने का उनका मन है, जो बिना चुनाव लड़े ही बड़े पदों और कदों के हकदार बने बैठे हैं।
खान अशु
भोपाल