आज नोटबंदी के एक महीने पूरे हुए. इन तीस दिनों में आम जन की परेशानी से लेकर सरकार का समर्थन और सत्ता-विपक्ष के बीच आरोपों-प्रत्यारोंपों का मुद्दा हावी रहा. बैंकों की लाइन में हो रही लोगों की मौत को विपक्ष ने मुद्दा बनाया, तो सरकार ने विपक्षी नेताओं के नोटबंदी के विरोध को कालेधन के समर्थन से जोड़ दिया.
एक तरफ सड़कों पर लोग परेशानी और सरकार के अच्छे कदमों की चर्चा में उलझे रहे, तो दूसरी तरफ संसद का गतिरोध सुलझ ही नहीं सका. सत्र का आधे से ज्यादा समय बीत गया लेकिन, संसद में एक दिन भी सुचारू रुप से काम नहीं हुआ. विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री के सदन में बयान और सरकार द्वारा चर्चा की मांग के बीच संसद की कार्यवाही स्थगित होती रही लेकिन रास्ता नहीं निकल सका.
गुरुवार को विपक्ष ने नोटबंदी के खिलाफ काला दिवस मनाने का फैसला किया. विच्क्षी दलों के सभी सांसद लोकसभा और राज्यसभा में काली पट्टी बांधकर पहुंचे. इससे पहले संसद परिसर में गांधीजी के स्टेच्यु के सामने अपोजिशन ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. इस दौरान राहुल गांधी ने नोटबंदी को बेवकूफी भरा फैसला बताया. उन्होंने कहा कि मैं खुलासा करूंगा कि पेटीएम का असली मतलब पे टू मोदी कैसे है.
राहुल गांधी ने कहा, नोटबंदी का फैसला एक मूर्खतापूर्ण कदम है और इसे बिना सोचे-समझे उठाया गया है. इस फैसले ने गरीबों, किसानों और मजदूरों को बर्बाद कर दिया है. हम इस पर चर्चा करना चाहते हैं. हम इस पर वोट चाहते हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती. इस विषय पर प्रधानमंत्री बयान बदल रहे हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आगे कहा, पहले वे कहते थे कि यह फैसला कालेधन के खिलाफ है, उसके बाद उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के खिलाफ है, फिर इसे नकली नोटों के खिलाफ बताया और बाद में इसे कैशलेस इकोनॉमी से जोड़ दिया.
कैशलेस इकोनॉमी का आइडिया यह है कि इस तरह के ट्रांजेक्शन से चुनिंदा लोगों को ज्यादा फायदा मिले. इसने देश को तबाह किया है. अगर मुझे लोकसभा में बोलने का मौका मिला तो मैं इस नेक्सस का खुलासा कर दूंगा कि कैसे पेटीएम का असली मतलब है पे टू मोदी. साथ ही कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा, पीएम पहले 5 दिन, फिर 5 हफ्ते, अब 50 दिन कह रहे हैं.
ये ठीक नहीं है. यहां तक कि एक महीना बीतने के बाद भी हालात 50% भी बेहतर नहीं हुए हैं. पता नहीं आडवाणी के बयान का सरकार पर कितना असर होता है, लेकिन हम चर्चा की कोशिश कर रहे हैं. उधर सरकार ने विपक्ष के इस काले दिवस को कालेधन के समर्थन से जोड़ दिया है. वेंकैया नायडू ने कहा, यह काला दिवस नहीं काले धन का समर्थन दिवस है. साथ ही केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि अपोजिशन मीडिया में बने रहने के लिए प्रदर्शन कर रहा है. विपक्ष सदन में आकर चर्चा करे.