नई दिल्ली : पिछले साल बाबा जाने माने योग गुरु बाबा रामदेव ने पिछले साल अप्रैल महीने में रोहतक में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में कहा था कि देश में कानून का राज है, अगर नहीं होता तो वह ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगाने वाले लाखों लोगों के सिर कलम कर चुके होते.
अब इसी बयान को लेकर उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं. दरअसल अपने इसी विवादित बयान को लेकर हरियाणा की एक अदालत ने बुधवार को रामदेव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरीश गोयल ने मामले की सुनवाई करते हुए रामदेव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख भी दे दी है.
इस मामले की शिकायत करने वाले वकील ओपी चुग ने बताया कि इससे पहले 12 मई को अदालत ने बाबा रामदेव के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. समन और जमानती वारंट जारी होने के बाद रामदेव अदालत में हाजिर होने में विफल रहे, जिसके बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है.
यह सम्मेलन हरियाणा में जाट आंदोलन के बाद सद्भावना बहाल करने के लिए आयोजित किया गया था. मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा की शिकायत के बाद अदालत ने रामदेव को समन जारी किया था. इस फैसले के बाद रामदेव को जेल जाना पड़ सकता है.