nitish kumar minister against fatwa

नई दिल्ली: बिहार के नवगठित एनडीए सरकार के विश्‍वास मत के दिन विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना वाले अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री खुर्शीद फिरोज अहमद को महंगा पड़ गया. दरअसल इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फिरोज को इस्‍लाम से बेदखल करने का फतवा जारी किया है जिसके मुताबिक़ मंत्री का निकाह भी रद कर दिया गया है।

इस फतवे के बीद खुर्शीद फिरोज ने कहा है कि वो ऐसे फतवों से नहीं डरते हैं. बीते 28 जुलाई को विधानसभा में एनडीए की नीतीश सरकार का बहुमत साबित होने के बाद पश्चिमी चंपारण के सिकटा से जदयू विधायक खुर्शीद अहमद ने विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। उन्‍होंने कहा था कि इस्लाम में नफरत की जगह नहीं है। वे राम के साथ रहीम को भी पूजते हैं। खुर्शीद महागठबंधन सरकार में मंत्री थे। वे बिहार की नई सरकार में भी अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण्‍ध मंत्री बनाए गए हैं।

‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने के बाद तो इस्लाम से ताल्लुक रखने वाले सभी लोग भड़क गये इसके बाद इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती ने उन्‍हें सियासत के लिए धर्म बेचने के आरोप में इस्‍लाम से बाहर करने की घोषणा की है। मुफ्ती ने उनके निकाह को भी रद कर दिया है। फतवे के अनुसार उन्‍हें अपनी गलती के लिए तौबा करने के बाद फिर से निकाह करना होगा। मंत्री खुर्शीद अहमद ने कहा कि फतवा जारी करने के पहले उनसे पूछना चाहिए था। मैं किस नीयत से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाता हूं, यह पूछना चाहिए था। मैं इस फतवा को नहीं मानता। मेरे इमान में खोट नहीं। मैं सच्‍चा मुसलमान हूं।

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