नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में आए दिन माहौल खराब हो जाता है. अक्सर राज्य में हिंसा की वजह से भारतीय सेना के ऊपर हमले किए जाते हैं और ये हमले भाड़े के पत्थर बाजों से करवाए जाते है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि इन पत्थरबाजों को ऐसा करने के लिए कौन कहता है और इन लोगों के पास धन कहाँ से आता है. लेकिन अब पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को धन उपलब्ध कराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम ने रविवार को जम्मू में एक वकील देवेंद्र सिंह बहल के घर छापा मारा।
इस दौरान एनआइए टीम ने अलगाववादियों से जुड़े कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और चार मोबाइल फोन जब्त किए। वहीं टेरर फंडिंग से ही जुड़े एक अन्य मामले में एनआइए ने गिलानी के दूसरे बेटे नसीम को समन भेजकर बुधवार को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा।
इससे पहले एनआईए ने गिलानी के बड़े बेटे नईम को शनिवार को मुख्यालय तलब किया था। हालांकि इसी दौरान नईम ने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि पेशे से सर्जन नईम पाकिस्तान में 11 वर्ष बिताने के बाद 2010 में भारत लौटा है। उसे ही गिलानी का असली उत्तराधिकारी माना जा रहा है। उधर, रविवार को गिलानी की ओर से बुलाई प्रेस वार्ता को भी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने नहीं होने दिया। इससे पहले शनिवार को मीरवाइज की प्रेस कांफ्रेंस पर भी रोक लगा दी गई थी.
कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के करीबी देवेंद्र सिंह बहल के घर और दफ्तर पर NIA की ओर से छापे मारे गए। एक टीवी चैनल के मुताबिक इसके तार पाकिस्तान उच्चायोग तक जुड़े हो सकते हैं।
टीवी चैनल के मुताबिक देवेंद्र सिंह बहल का पाक उच्चायोग में रोजाना का आना-जाना था। देवेंद्र के घर अक्सर सैयद अली शाह गिलानी, नईम खान व शब्बीर शाह आया करते थे। आतंकी फंडिंग के लिए यहां पर बैठकें भी होती थीं। एनआइए ने अब तक आतंकी फंडिंग में सात अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है। गिलानी के करीबी सहयोगी बहल उनके अलगाववादी संगठनों के समूह के लीगल विंग के सदस्य भी हैं। बताया जाता है कि आतंकी फंडिंग मामले में देवेंद्र सिंह कश्मीर घाटी में मारे गए आतंकियों की शवयात्रा में भी हिस्सा लेता रहा है।
देवेंद्र सिंह पेशे से वकील है, लेकिन प्रेक्टिस नहीं करता है। इस समय वह जम्मू एंड कश्मीर सोशल पीस फोरम चला रहा है। यह फोरम कश्मीर में मानवाधिकार मामलों को उठाता रहा है। इस संस्था का मुखिया हुर्रियत का अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी है। यह संस्था हुर्रियत के कानूनी मामलों को भी देखती है।
एनआइए के मुख्य प्रवक्ता आइजी आलोक मित्तल का कहना है कि देवेंद्र सिंह के घर से बरामद चार मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिनके आधार पर उसका अलगाववादियों से संबंध जोड़ा जा रहा है।
कश्मीर में तनाव फैलाने के लिए अलगाववादी नेता कैलेंडर बनाकर जारी करते हैं। उन्हीं में से एक कैलेंडर एनआइए द्वारा आतंकी फंडिंग मामले में देवेंद्र सिंह के घर से बरामद किया गया है। यह कैलेंडर अक्सर कट्टरपंथी हुर्रियत के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की ओर से जारी होता रहा है। बरामद कैलेंडर 8 जुलाई का है, जिसमें बुरहान वानी की मौत का एक वर्ष बीतने पर कश्मीर में हड़ताल और बंद रखने का पूरा ब्योरा दिया है।