नई दिल्ली : ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ करने की शिकायत के बाद चुनाव आयोग अब ऐसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें खरीदने का मन बना को है जिनके साथ यदि छेड़छाड़ की जायेगी तो ये मशीन खुद से ही बंद हो जायेंगी.
अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए है. चुनाव के नतीजों में भाजपा को भारी बहुमत से जीत हासिल हुई है. कई पार्टियों ने नतीजे घोषित होने के बाद आरोप भी लगाया था की ईवीएम मशीन के साथ छेड़खानी की गयी है वर्ना नतीजे कुछ और हो सकते थे.
एम-3 प्रकार की ईवीएम में मशीनों की यथार्थता के प्रमाणन के लिए एक सेल्फ डायग्नोस्टिक सिस्टम लगा है। ये मशीनें एक आपसी प्रमाणन प्रणाली के साथ आएंगी। सिर्फ एक सही ईवीएम ही क्षेत्र की अन्य ईवीएम के साथ संवाद कर सकती है।
इसका निमार्ण परमाणु ऊर्जा पीएसयू ईसीआईएल या रक्षा क्षेत्र की पीएसयू बीईएल द्वारा हुआ होना चाहिए। किसी भी अन्य कंपनी द्वारा बनाई गई ईवीएम अन्य मशीनों से संवाद नहीं कर पाएगी। इस तरह गलत मशीन का पदार्फाश हो जाएगा।
कानून मंत्रालय ने निवार्चन आयोग की ओर से संसद को उपलब्ध करवाई जाने वाली जानकारी के हवाले से कहा कि नई मशीनें खरीदने के लिए लगभग 1940 करोड़ रुपये (मालभाड़ा और टैक्स के अतिरिक्त) का खर्च आएगा।
ये मशीनें वर्ष 2018 में यानी अगले लोकसभा चुनाव से एक साल पहले आ सकती हैं। निवार्चन आयोग ने वर्ष 2006 से पहले खरीदी गई 9,30,430 ईवीएम को बदलने का फैसला किया है क्योंकि पुरानी मशीनों का 15 साल का जीवनकाल पूरा हो चुका है।