नई दिल्ली : मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसान आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में मारे गये किसानों को लेकर राज्य के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. गृह मंत्री ने स्वीकार किया है कि पुलिस की फायरिंग की वजह से ही किसानों की मौत हुई थी. इस हिंसा में अब तक कई पुलिस वाले और किसान अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
एक जून से आंदोलनरत किसान अब मध्यप्रदेश सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई करने पर उतर आए हैं। बुधवार को कर्फ्यू के बावजूद मंदसौर जिले के कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन किया। किसानों के इस आंदोलन ने सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। मंदसौर के डीएम स्वतंत्र कुमार सिंह ने इस आंदोलन को लीडर लैस मूवमेंट का नाम दिया है।
मध्यप्रदेश में जारी किसान आन्दोलन गंभीर रूप ले रहा है ऐसे में राजनीतिक दल इस मौके को भुनाने में लग गये हैं जहाँ एक तरफ आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता मध्यप्रदेश जाने वाले हैं वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज उदयपुर पहुंचने के बाद मारे गए किसानों के परिवार से मिलने के लिए बाइक से मंदसौर के लिए रवाना हो गए हैं.
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प्रदेश की पुलिस राहुल गाँधी को गिरफ्तार करने की तैयारी में है ऐसे में वह राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा स्थित निमोड़ा से अपनी सिक्योरिटी को चकमा देकर बाइक पर सवार होकर निकल गए लेकिन उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस ने रोक लिया है।
एसपी ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता ने जिले में घुसने का प्रयास किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा। राहुल किसान प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिजन से मुलाकात करने वहां जा रहे हैं।आंदोलन वाले इलाकों में कई जगह अभी भी मोबाइल सर्विसेस सस्पेंड हैं। मंदसौर में पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है।
इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोडफ़ोड़ एवं पथराव किया। पथराव में 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आंदोलनकारियों ने कई बसों को आग के हवाले कर दिया। पहले उन्होंने बसों में तोड़फोड़ की। जब तोड़फोड़ की जा रही थी, तब बच्चे और महिलाएं बस के अंदर थीं।