भोपाल। मध्यप्रदेश के आखिरी छोर पर बसे धार जिले के एक छोटे से कस्बे बाग ने अपनी कला क्षमता से प्रदेश का नाम फिर दुनियाभर में शीर्ष पर रख दिया है। हस्तशिल्पकार बिलाल खत्री की कलाकृति को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। हस्तशिल्प राष्ट्रीय वस्त्र मंत्रालय, दिल्ली द्वारा जल्दी ही उन्हें इस सम्मान से नवाजा जाएगा।
राष्ट्री्य हस्तशिल्प पुरस्कार के लिये पारम्परिक बाग प्रिन्ट हस्तशिल्प कला में ठप्पा छपाई को नए आयाम देने वाले मध्यप्रदेश के धार जिले के छोटे से कस्बे बाग से एक मात्र युवा शिल्पी बिलाल खत्री का चयन हुआ है। इस पुरस्कार से बिलाल ने पुन: मध्यप्रदेश को गोरवान्वित किया है। आयुक्त हस्तशिल्प राष्ट्रीय वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय चयन समिति ने राष्ट्रीय पुरस्कार-2018 के लिए राज्य के युवा शिल्पकार बिलाल खत्री का चयन हेंड ब्लाक प्रिंट बांस चटाई के लिए किया है। उल्लेखनीय है कि युवा शिल्पकार बिलाल खत्री को वर्ष 2011 में राष्ट्रीय मेरिट हस्तशिल्प पुरस्कार एवं वर्ष 2018 में प्रथम विश्वाकर्मा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
शिल्पकार बिलाल खत्री ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बाग प्रिंट ठप्पा छपाई में बांस की चटाई प्रस्तुत की थी। इससे प्राकृतिक रंगों का समावेश के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल और लाल किले के नमूना का प्रयोग किया गया था। शिल्पकार बिलाल खत्री दुनिया के कई देशों में अपनी पुश्तेनी बाग प्रिंट ठप्पा छपाई का प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
कला मिली विरासत में
बिलाल कहते हैं बाग प्रिंट की ये अद्भुत कला उन्हें विरासत में मिली है। अपने पिता और उनसे पहले की पीढ़ियों का इस कला पर एकाधिकार रहा है। उनकी कला को देश दुनिया में सराहा गया है। बिलाल कहते हैं कि सराहना और पुरस्कारों का सिलसिला उनके दादा और पिता के दौर से जारी रहा है, जो उनके चयन के साथ आगे बढ़ रहा है।
प्राकृतिक रंगों का कमाल
बिलाल कहते हैं बाग कला दुनिया में पहचानी और सराही जाती है। आज के आधुनिक और कम्प्यूटर युग में जहां हजारों रंग डिजाइन मौजूद हैं, वहीं बाग प्रिंट का एक अलग ही स्थान है। वे कहते हैं कि इसके लिए कला से ज्यादा कमाल प्रकृति से मिले उन फूल, पत्तियों और जड़ियों का है, जो हमें अपने क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। रंगों की पहचान, उनका सही इस्तेमाल और इसमें कला के इंद्रधनुष का समावेश यही सब मिलकर एक सामान्य कपड़े को भी नायाब बना देते हैं।