नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहना भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भारी पड़ गया है. तमाम सियासी दलों की आलोचना झेलने के बाद साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने कड़ी फटकार लगाई है. बीजेपी के जीवीएल नरसिम्हा राव ने साध्वी के बयान की निंदा करते हुए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की बात कही है. जीवीएल नरसिम्हा राव का कहना है कि भाजपा साध्वी प्रज्ञा के इस बयान से सहमत नहीं है. हम इसकी निंदा करते हैं. पार्टी उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण मांगेगी और उन्हें इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए.

दरअसल फिल्म अभिनेता कमल हासन के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए एक बयान के जबाब में साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त ही रहेंगे. उनको आतंकवादी कहने वाले लोगों को अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए. ऐसे लोगों को जनता चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देगी. वहीं इसके पहले कमल हासन ने नाथूराम गोडसे को पहला हिंदू आतंकवादी करार दिया था. उनके इस बयान की कड़ी आलोचना हुई थी. लेकिन साध्वी प्रज्ञा सिंह के नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार देने के बाद विपक्ष को बीजेपी पर हमलावर होने का एक और मौका मिल गया है. वैसे यह कोई पहला मौका नही है. नाथूराम गोडसे को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं.

तो वहीं दूसरी तरफ साध्वी प्रज्ञा सिंह अपने बयानों को लेकर लगातार विवादों में हैं. इसके पहले उन्होंने मुंबई हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा था कि हेमंत करकरे ने मुझे गलत तरीके से फंसाया था. मैंने उनको बता दिया था कि तुम्हारा पूरा वंश खत्म हो जाएगा, वो अपने कर्मों की वजह से मुंबई हमले के दौरान मर गए. जिसकी काफी आलोचना हुई थी. जिसके बाद बीजेपी ने खुद को साध्वी के बयान से अलग करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे. बीजेपी ने उनको हमेशा शहीद माना है. जहां तक साध्वी प्रज्ञा के बयान का विषय है, तो वह उनका निजी बयान है.

गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर मालेगांव बम धमाके में शामिल होने का आरोप है. बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है.

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