प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहे तेलुगू देशम पार्टी के सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से अपना नाता तोड़ लिया है. ऐसा माना जा रहा है कि नायडू अपने प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ना मिलने से नाराज़ थे और यही वजह है कि उन्होंने अपने पाँव पीछे खींच लिए.
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू नायडू ने पहले सरकार में शामिल सांसदों से इस्तीफा देने को कहा और अब उन्होंने एनडीए से भी रिश्ता खत्म कर लिया है। जिसके बाद वह लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार इस तरह का प्रस्ताव पेश किया गया है।
कांग्रेस की रेणुका चौधरी का कहना है कि आंध्र प्रदेश के लोगों के प्रति हमारा समर्पण जारी है और यह सरकार हमारे उस अधिकार को वापस नहीं ले सकती है। केंद्र सरकार ने खुद का पर्दाफाश कर दिया है और वह अपने गठबंधन तक के साथ नहीं खड़ी है।
Read Also : हम तुम्हें सिखाएंगे मोहब्बत क्या होती है
बता दें कि संसद में हंगामे की वजह से संसद को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। जदयू नेता केसी त्यागी का कहना है कि बड़े गठबंधन में छोटे-मोटे मतभेद होते रहते हैं। एनडीए को कोई खतरा नहीं है लेकिन टीडीपी का एनडीए से जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।