आजादी के बाद जमींदारी उन्मूलन के कानून संसद में नहीं बने,अलग-अलग सूबों में बने।भूमि सुधार के तहत हदबंदी तय हुई।हदबंदी से निकली जमीनें बटी भी।सरकारी प्रयास से अधिक असर विनोबा का असरकारी प्रयास था।चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन समिति में थे।उनके प्रयास से उत्तर प्रदेश में सीरदारी प्रथा समाप्त।सीरदारी समाप्त होने से ‘जो जमीन को जोते बोए,वो जमीन का मालिक होए’ के सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए कुर्मी,कोइरी,यादव और जाठ जैसी जातियां पहली बार जमीन की मालिक बनीं।बिहार में जमींदारी उन्मूलन इतना सुंदर न हो सका।ओडीशा में असरकारक ढंग से जमींदारी उन्मूलन हुआ।

हम बार-बार याद दिलाना चाहते हैं कि चाय,कॉफ़ी, रबर,नारियल जैसे उत्पादों के ‘प्लान्टेशन्स’ पर सीलिंग लागू नहीं है।इन प्लान्टेशन्स के मालिक किसान नहीं होते उद्योगपति,पूंजीपति होते हैं। हमारे देश के उद्योगपति,पूंजीपतियों ने देश के बाहर उन देशों में खेती कराना शुरू किया है जहां हदबंदी नहीं है।उन बड़े फार्मों में अधिकाधिक यांत्रिक तरीके से वे उत्पादन करते हैं।नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र पूंजीपतियों के हित में उन देशों से आयात के करार कर रखे हैं।

बिल गेट्स के भारतीय संस्करण पैदा करने की दिशा में पहले कदम के रूप में तीनों नए कृषि कानून थोपे गए हैं।खेती और खाद्यान्न के क्षेत्र में इन मगरमच्छ उद्योगपतियों की अब तक की कारगुजारियों पर गौर कीजिए।भारत के किसानों ने खाद्य स्वावलंबन हासिल किया। ‘अडानी-विल्मर’ पर कभी गौर किया है?अडानी के फॉर्चून तेल के पैकेट अलट पलट कर गौर कीजिएगा,’अडानी-विल्मर’ दिख जाएगा।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल आयातक बना हुआ है।यानी तेलहन के मामले में परावलंबन!पाम आयल बनिए की दुकान में नहीं मिलता है।तब कैसे खपता है पाम ऑयल?हाइड्रोजनेशन द्वारा वनस्पति(डालडा नाम से पहचान) बनाने में,बड़े होटलों में तथा हल्दीराम जैसे बड़े नमकीन निर्माताओं द्वारा पाम ऑयल की खपत होती है।2002 के गुजरात नरसंहार के बाद कुछ गुजराती उद्योगपतियों ने नरेंद्र मोदी के बचाव में बयान दिए थे।पहले गुजरात सरकार और बाद में केंद्र सरकार के अनैतिक सहयोग से अडानी जैसे लोग न्यूनतम पूंजी लगा कर दौलतमंद हुए हैं।

अमेरिका में 21 लाख फार्म हैं जो औसतन 435 एकड़ के हैं।सबसे बड़ा किसान बिल और मिलिंडा गेट्स का कुल रकबा 2,42000 है।यानी अमेरिका में फार्म हैं,खेती करने वाली कंपनियां हैं लेकिन किसान नाम का तबका नहीं है।दुनिया का सबसे बड़ा खेती का रकबा अमेरिका का है।इसके बाद भारत,चीन का नम्बर है। मौजूदा किसान आंदोलन भारत को बचाने का आंदोलन है।अडानी,अम्बानी,टाटा,डालमिया,बिड़ला को बिल गेट्स जैसा बनाने की कोशिश के खिलाफ।

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