स्कॉट लैंड यार्ड के बाद दुनिया की सबसे बेहतरीन पुलिस फ़ोर्स कही जाने मुंबई पुलिस के दामन पर दाग लगे हैं. आरोप है कि मुंबई पुलिस के कुछ अधिकारी एक नाबालिक के रेप और हत्या की साजिस को दबाने में जुटे हुए हैं.

मामला मुंबई के कांदिवली इलाक़े का है. जहां बीते दिनों ने एक नाबालिक ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद मलाड पुलिस स्टेशन के अधिकारीयों ने एक्सीडेंटल डेथ का मामला दर्ज किया.जबकि पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में युवती के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की गई है. शव का पोस्ट मॉर्टम करने वाले मुंबई के भगवती अस्पताल के डाक्टर्स ने भी पुलिस के रवैए पर भी सवाल उठाये है.

जानकारी के मुताबिक पुलिस अधिकारीयों ने पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट पर ही सवाल उठाये हैं. पुलिस की तरफ से भगवती अस्पताल के डॉक्टर को भेजे गए सवालों की फेहरिस्त में पूछा गया है कि ‘क्या पोस्ट मॉर्टम में किसी युवती के साथ दुष्कर्म के सबूत मिले हैं? हालांकि युवती के शव का पोस्ट मॉर्टम करने वाले डॉक्टर शांतनु चौहान के दोबारा दुष्कर्म की पुष्टि करने के बाद भी पुलिस ने पॉक्सो के तहत दर्ज नहीं किया है. तो पुलिस की मंशा पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं.
इस ममाले में पुलिस के रवैए को लेकर डाक्टर्स भी हैरान हैं. उनका कहना है कि शायद यह पहला मामला है जिसमें पुलिस एक्सीडेंटल डेथ को न सिर्फ दुष्कर्म मानने से इंकार कर रही है बल्कि पॉक्सो के तहत मामला दर्ज करने से कतरा रही है.

वहीं युवती के पिता ने पुलिस पर उनकी बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले को छिपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि शारीरिक रूप से अक्षम होने के नाते उन्हें मजबूरन बेटी को मुंबई भेजना पड़ा. जहां उसे हर महीने 8000 हजार रुपये मिलते थे. जिससे घर खर्च चलता था. मृतक युवती के पिता का कहना है कि उनकी बेटी जहां काम करती थी उसने उन्हें 3 लाख रुपये भी दिए थे जब वे अपनी बेटी का शव लेने मुंबई आये थे.

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