उत्तर प्रदेश चुनाव में लखनऊ कैंट से उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने हार के लिए अपने करीबियों को ही जिम्मेदार ठहराया है. उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने हराया था. अपर्णा ने मर्माहत होकर कहा है कि जब अपनों से चोट लगती है, तो घाव बहुत ही गंभीर होता है.
मेरी हार ईवीएम की वजह से नहीं, बल्कि अपनों की वजह से हुई है. वे रविवार को लखनऊ कैंट में एक धन्यवाद समारोह में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि हार कभी-कभी आपको बहुत कुछ सिखा जाता है. इस हार के बाद मैं अब अपनों और परायों को पहचानने में सक्षम हुई हूं.
हालांकि भविष्य की राजनीति के बारे में उन्होंने कहा कि शायद मेरी किस्मत में लोहिया जी जैसे बड़े नामों से जुड़ना लिखा है, जो पहली बार हारने के बाद देश के बड़े नेता बनकर उभरे. हार और जीत जीवन का क्रम है और हार से सीखकर हमें आगे बढ़ने की जरूरत है.
ऐसा नहीं है कि अपर्णा यादव की जीत के लिए परिवार ने चुनाव प्रचार नहीं किया था. मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव से लेकर डिंपल यादव तक ने भी उनके क्षेत्र में अलग-अलग कैंपेन किया था. अपने करीबियों के प्रचार के बावजूद अपर्णा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि परिवार में सभी लोगों के प्रचार में उतरने के कारण उनकी जीत पक्की मानी जा रही थी. रीता बहुगुणा से 34 हजार वोटों से वे चुनाव हार गई थीं.