साइकल चुनाव चिह्न मिलने के बाद अखिलेश की सबसे बड़ी चिंता विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को सपा से जोड़कर रखने की है. इसके लिए जरूरी है कि उन्हें अपने पिता मुलायम सिंह का साथ मिले. एक सधे हुए राजनेता की तरह उन्होंने बयान दिया है कि उनका अपने पिता से कोई झगड़ा नहीं था. उन्होंने कहा कि अपने पिता के साथ मेरे संबंध कभी नहीं टूट सकते हैं. हमारी और उनकी लिस्ट में 90 प्रतिशत उम्मीदवार एक ही हैं. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि यह लड़ाई जरूरी थी, लेकिन वे इससे खुश नहीं हैं. अखिलेश ने कहा कि अब बड़ी जिम्मेदारी है. अब हमारा पूरा ध्यान सरकार बनाने पर है. हमें भरोसा था कि साइकल हमें ही मिलेगी.
अब यादव, मुस्लिम वोट पर भिड़ंत
उम्मीद है कि प्रदेश में 10 फीसदी यादव वोट अखिलेश के साथ जा सकता है. लेकिन मुलायम धड़ा भी यादव वोट को अपने पक्ष में रखने की जी तोड़ कोशिश करेगा. ऐसे में 19 फीसदी मुस्लिम वोटर्स ही निर्णायक होंगे. अखिलेश सरकार की नाकामियों का ठीकरा अब पार्टी में मौजूद विरोधी खेमे पर फोड़ा जाना तय है. ऐसे में अखिलेश अपनी विकास पुरुष की छवि बरकरार रखने में सफल होंगे. 2012 में सपा को 66 फीसद यादव वोट और 39 फीसद मुस्लिम वोट मिले थे. मुलायम सिंह ने कहा कि अखिलेश के कारण मुस्लिमों के बीच पार्टी की छवि खराब हुई है.
कांग्रेस से गठबंधन का एलान जल्द
उम्मीद है कि कांग्रेस से गठबंधन का एलान आज कर दिया जाएगा. कांग्रेस ने भी कहा है कि वे यूपी के विकास के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन को तैयार है. वहीं कांग्रेस की सीएम उम्मीदवार शीला दीक्षित ने कहा है कि वेे गठबंधन के औपचारिक ऐलान के बाद ही इसपर कुछ कहेंगी.