संसद का मानसून सत्र का आगाज हंगामेदार रहा। लोकसभा में कांग्रेस, टीएमसी, बसपा और अकाली दल के सांसदों ने महंगाई, किसान आंदोलन और अन्य मुद्दों पर नारेबाजी की और सदन के वेल में पहुंच गए। इससे पीएम मोदी सरकार के नए मंत्रियों का सदन में परिचय नहीं करा पाए। हंगामे के बाद लोकसभा को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में भी अभिनेता दिलीप कुमार और खिलाड़ी मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।

लंबे समय बाद संसद के इस सत्र में विपक्ष सरकार को महंगाई , कोरोना महामारी , किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार कर चुका है। वहीं संसद सत्र के एक दिन पहले ही पेगासस स्पाईवेयर के जरिये फोन हैकिंग के मामले ने भी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। सरकार संसद सत्र के दौरान करीब 30 विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगा, इनमें इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल जैसे महत्वपूर्ण विधेयक हैं। संसद सत्र के एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर सार्थक और स्वस्थ चर्चा के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए।

लोकसभा अध्यक्ष ने की शांति बनाए रखने की अपील
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि परंपराओं को न तोड़ें। आप लंबे समय तक शासन में रहे हैं। आप परंपरा को तोड़कर सदन की गरिमा को कम नहीं करें। इस सदन की गरिमा को बनाए रखें। प्रधानमंत्री जी सदन के नेता हैं और फेरबदल के बाद मंत्रिपरिषद का परिचय करा रहे हैं। आप सदन की गरिमा को बनाए रखें।’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांति से नए मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की।

इसके बाद बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन के पटल पर मंत्रियों के परिचय की सूची रख सकते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पटल पर रखता हूं।’’ बता दें कि गत सात जुलाई को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार हुआ था

 

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