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नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)।  बीजेपी अब अपने 2019 के मिशन में जी जान से जुटी हुई है। उत्तर प्रदेश की सफलता के बाद तो उत्साह भी अपने चरम पर है। बीजेपी ने अगले 2019 के प्लान को तैयार करते हुए एक सोची समझी रणनीति के तहत योगी आदित्यनाथ को सीएम की कुर्सी पर बिठाया है। अगले 2 सालों में योगी के कामों 2019 आम चुनावों के मद्देनजर ही निपटाया जाएगा। आईए आपको बताते हैं कि किन तरीकों से योगी पीएम मोदी के प्लान 2019 के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे।

किसानों को लुभाने की तैयारी: उत्तर प्रदेश की सरकार के जरिए बीजेपी किसानों को तोहफा देना चाहती है। योगी सरकार को जिम्मेदारी दी गई है कि पहली कैबिनेट मिटिंग के बाद ही उत्तर प्रदेश के किसानों के कर्ज माफी का ऐलान होना चाहिए। दवाब ऐसा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार बनाने के एक हफ्ते के बाद तक पहली कैबिनेट मीटिंग नहीं कर पाई है। फिलहाल कोशिश है कि योगी के हाथों किसानों को तोहफा दिया जाए। और अगले आम चुनाव के लिए उसे भुनाया जाए।

हिंदुत्व एजेंडे के अटल चेहरा: योगी के चेहरे पर हिंदुत्न एजेंडे की मुहर हर विरोधी दल लगाता रहा है। विरोधियों के इसी प्रहार को बीजेपी सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करने की तैयारी में है। मोदी और शाह की रणनीति है कि हिंदुत्न के एजेडे का सही तरीके से इस्तेमाल करते हुए हिंदु वोटरों को खुश किया जाए। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 1 लाख रूपये का अनुदान और मानसरोवन भवन के निर्माण का ऐलान, उसी रणनीति का एक हिस्सा है। 

एंटी रोमियो का सकारात्मक प्रभाव: देश भर में इस वक्त योगी कैबिनेट के पहले फैसले एंटी रोमियों स्कावयड की चर्चा हो रही है। पुलिस की दादागिरी को छोड़कर हर राज्य की जनता इस स्कावयड के पक्ष में है। अगर इस कदम का सही असर कुछ महीनों में आंकड़ों के रुप में दिखाई देने लगेगा। तो एंटी रोमियो स्कावयड का फायदा बीजेपी हर राज्य स्तर के चुनावों में उठाएगी। आम चुनावों में इस स्कवायड का भरपूर इस्तेमाल करने की तैयारी में है।

कुल मिलाकर योगी के जरिए न सिर्फ मिशन 2019 की नींव रखी जा रही है बल्कि दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी एक मॉडल पेश किया जा रहा है।

 

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