नई दिल्ली, (विनीत सिंह) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में होटल और रेस्टोरेंट में खाने की बर्बादी के बारे में चिंता ज़ाहिर की थी जो की होटलों के लिए आम बात है. इसी को लेकर अब NDA सरकार होटल्स और रेस्टोरेंट में खाने की सीमा तय करने का नियम बनाने जा रही है जो जल्द ही पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. खाद्य, उपभोक्ता मामलों और जनवितरण प्रणाली के मंत्री रामविलास पासवान ने फूड इंडस्ट्री की बैठक बुलाई है, जिसमें चर्चा की जाएगी कि होटल्स और रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले भोजन में खुराक की स्टैंडर्ड सीमा क्या होनी चाहिए.
साथ ही पासवान ने इस बात से साफ़ इन्कार किया है कि उनका ये कदम पीएम मोदी की मन की बात कार्यक्रम में खाने की बर्बादी का मुद्दा उठाए जाने के बाद लिया जा रहा है. पासवान का कहना है कि ये उनका खुद का कदम है जो जल्द ही अमल में लाया जाएगा.
रामविलास पासवान का कहना है कि अगर कोई दो इडली खाता है, तो उसे चार इडली क्यों परोसी जाए. ये भोजन और पैसों दोनों की बर्बादी है. पासवान ने कहा कि मेरा निजी अनुभव है, कई बार रेस्टोरेंट में पानी की बोतल का दाम कुछ और होता है, बाहर कुछ और है, या प्लेन में कुछ और है.
पासवान ने कहा कि कई बार जब हम खाना खाने जाते हैं तो देखते हैं कि खाने की बर्बादी होती है. ऐसे में हमे ये सोचना चाहिए कि हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहाँ बहुत सारे लोग भूखे पेट सोते हैं. इस सब के बावजूद खाने की बर्बादी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है जिसे देखते हुए ये कदम उठाया जा रहा है.
रामविलास पासवान ने कहा, हमने कहा कि इंडस्ट्री से पूछा जाए कि वे इस बाबत स्वेच्छा से कदम उठा सकते हैं या इसके लिए कोई कानूनी प्रावधान करना होगा. वो स्वेच्छा से कहें कि एक आदमी को भोजन के एक पोर्शन में कौन सी चीज कितनी मात्रा में दी जाएगी. एक चपाती है कि दो, एक इडली है कि दो इडली है. जैसे प्रॉन देते हैं तो आप कहिए कि एक पोर्शन में तीन प्रॉन रहेगा या चार. पासवान ने यह भी साफ किया कि हम इन मामलों में कोई सरकारी नियंत्रण नहीं तय कर रहे हैं, बस उपभोक्ता के हित की बात कर रहे हैं.