नई दिल्ली। देश में चल रही सोशल मीडिया की क्रांति को देखते हुए अब सरकार ने बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। सरकार जल्द ही नई पॉलिसी लागू करवे की कोशिश में हैं। सरकार का तर्क है कि एंटी इंडिया प्रोपेगेंडा पर लगाम लगाने के लिए ये कानून लाया जा रहा है ये भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि सरकार पुरानी पॉलिसी में ही फेरबदल कर दे।
सरकार तय करने जा रही है देशद्रोह की नई परिभाषा
सोशल मीडिया पर बढ़ती अफवाहों की संख्या पर चिंता जताते हुए सरकार अब देशद्रोह की नई परिभाषा तैयार करने की योजना बना रही है। मौजूदा सरकार का देशद्रोह के प्रति नजरिया पार्टी विरोधी के समान है।
सेक्शन 66 A बनाम ‘नई सोशल मीडिया पॉलिसी‘!
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 24 मार्च 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कटेंट के मामले में लगाई जाने वाली IT एक्ट की धारा 66 A को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इसे संविधान के अनुच्छेद 19(1) ए के तहत प्राप्त अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करार कहा था। वैंकया नायडू ने भी एक इंटरव्यू में संकेत दिए थे कि ‘देशद्रोह कानून’ पर दोबारा से काम करने के लिए विचार किया जा रहा है।
आखिर क्या है सेक्शन 66 A
अनुच्छेद 66A के तहत आपत्तिजनक लगने वाली कोई भी जानकारी कंप्यूटर या मोबाइल फोन से भेजना दंडनीय अपराध माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर कई याचिकाओं में कहा गया है कि इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ माना गया है।