भोपाल। सात महीने का हो चुके किसान आंदोलन को लेकर शनिवार को राजधानी भोपाल में हलचल बनी हुई है। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन राजभवन को सौंपने पहुंची नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेघा पाटकर को बाहर से ही लौटाया गया तो वे नाराज हो गईं और गांधी भवन के बाहर धरने पर बैठ गईं। इससे पहले किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का जी को पुलिस ने उनके घर में नजरबंद कर दिया। वे भी कृषि बिल को लेकर राजभवन को ज्ञापन सौंपने वाले थे।
जानकारी के मुताबिक मेघा पाटकर शनिवार सुबह अपने समर्थकों के साथ राजभवन पहुंचीं थीं। लेकिन राजभवन ने कोविड का बहाना बनाकर गेट पर ज्ञापन देने की बात कही। इस पर पाटकर नाराज हो गईं और बिना ज्ञापन सौंपे ही वापस आ गईं। उन्होंने राजभवन के इस व्यवहार को अतिथियों का अपमान बताया है। पाटेकर ने कहा कि अब ज्ञापन सीधे राष्ट्रपति के हाथों में दिया जाएगा। मामले से नाराज पाटकर ने गांधी भवन के मेन गेट पर धरना भी दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में पूरी तरह से आपातकाल लागू हो गया है।
इससे पहले हुए एक घटनाक्रम के तहत किसान नेता शिवकुमार शर्मा को पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया। वे भी राजभवन में कृषि बिल के विरोध में वाले थे ज्ञापन सौंपने वाले थे। किसान आंदोलन के सात महीना पूरा होने पर किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया था।