नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती बहुत जल्द एक साथ मंच साझा करते हुए नज़र आने वाले हैं. ये दोनों दिग्गज अगस्त में पटना में आयोजित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की रैली में एक साथ नज़र आने वाले हैं.

राजद से उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया है कि मायावती और अखिलेश यादव 27 अगस्त को होने वाली रैली में एक साथ आने के लिए राज़ी हो चुके हैं. इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और मुलायम सिंह यादव के शामिल होने की भी उम्मीद जताई जा रही है.

बता दें कि 1993 में सपा और बसपा ने मिलकर सरकार बनाई थी। लेकिन बाद में ‘चर्चित गेस्ट हाउस कांड’ के बाद दोनों ही पार्टियों में दरार आ गयी थी. इस काण्ड के बाद किसी ने भी नहीं सोचा होगा की ये दोनों पार्टियाँ एक साथ मंच साझा करेंगी. लेकिन अब वक्त की नजाकत को समझते हुए दोनों ही दलों ने एक साथ मंच साझा करने का मन बना लिया है.

अभी हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में सपा को 47 सीटें मिलीं थीं जबकि बसपा सिर्फ 19 सीटों में ही सिमट गयी थी. दोनों में से किसी भी पार्टी ने कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखाया था यही वजह है की अब ये एक साथ आने का मन बना चुके हैं. अब तो ये खबर भी आने लगी है कि भाजपा को हारने के लिए अब सपा और बसपा गठबंधन करेंगी. दोनों दलों के इस फैसले के बाद एक बात तो साबित हो गयी है कि राजनीति में हालात बदलने में देर नहीं लगती है.

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