मामला वक्फ अंजुमन का
पूर्व अध्यक्ष ने डाली अड़ी, बोला 25 हजार दो वर्ना करवा दूंगा बेदखल
-पीडि़त दुकानदारों ने थाने में लगाई गुहार

भोपाल। मप्र वक्फ बोर्ड के अधीन संचालित वक्फ कमेटी के पूर्व सदर ने दुकानदारों पर अड़ीबाजी कर दी है। पूर्व सदर का कहना है कि आने वाले समय में वह ही दोबारा अध्यक्ष बनने वाला है। उसकी शिकायत पर मप्र वक्फ बोर्ड सभी दुकानदारों की किरायादारियां खत्म कर देगा। अगर इस शिकायत से बचना है तो हर दुकानदार उसको 25 हजार रुपए अदा करे। अपने ऊपर आई इस मुसीबत से बचने के लिए गरीब दुकानदारों ने पुलिस की शरण ली है।

मामला राजगढ़ स्थित दरगाह बदख्शानी वक्फ के दायरे में स्थित गुमटियों से जुड़ा हुआ है। यहां लंबे समय से कई दुकानदार वक्फ के किरायादार हैं। जिनको रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से 500 रुपए महीना किराया तय कर रखा है। इस मामले को लेकर इस वक्फ कमेटी का पूर्व सदर राशिद लगातार दुकानदारों को धमकाता रहता है और कहता है कि वह आने वाले समय में फिर से इस कमेटी का अध्यक्ष बनने वाला है, इसलिए जैसा वह कहे, वैसा सबको करना पड़ेगा। राशिद ने गुमटियों को लेकर मप्र वक्फ बोर्ड में अवैध कब्जे बताते हुए कई झूठी शिकायतें कर रखी हैं। वह इस बात को लेकर लोगों पर दबाव बना रहा है कि वह अपनी शिकायत पर कार्यवाही रुकवा सकता है, लेकिन इसके बदले हर दुकानदार को उसे 25 हजार रुपए अदा करना पड़ेंगे। मामला जब दबाव से बढ़कर गुण्डागर्दी तक पहुंचा तो दो दर्जन से ज्यादा दुकानदारों ने लिखित शिकायत थाना राजगढ़ में की है। इस दौरान उन्होंनें राशिद की गुण्डागर्दी रुकवाने और उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है।

विवादों से घिरा रहा कार्यकाल
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि राशिद के कार्यकाल में वक्फ जायदाद को बड़ा नुकसान पहुंचा है। राशिद ने इस संपत्ति पर कई अवैध कब्जे करवा चुका है, जिसके बदले उसने मोटी रकम कमाई है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि राशिद वक्फ का दागदार है, जिसने अपने कार्यकाल के दौरान मप्र वक्फ बोर्ड को कभी कमेटी की आमदनी का हिसाब नहीं दिया और न ही यहां से होने वाली आमदनी की नियमानुसार चंदा निगरानी ही बोर्ड को जमा करवाई है। शिकायत करने वालों में शामिल अनीस अंसारी, बिलाल, अलताफ आदि का कहना है कि राशिद झूठी शिकायतों के जाल में फंसाकर दुकानदारों का बड़ा नुकसान कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर मप्र वक्फ बोर्ड को भी एक शिकायत भेजी गई है, जिसमें राशिद के कार्यकाल के तमाम कारनामों का जिक्र किया गया है।

न सुलझा मामला तो होगा आंदोलन
पुलिस और मप्र वक्फ बोर्ड को शिकायत करने के बाद अपने कारोबार के लिए चिंतित दुकानदारों ने कहा कि राशिद की झूठी शिकायतों, लोगों पर अड़ीबाजी और उसकी गुण्डागर्दी का सिलसिला नहीं रुका तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। दुकानदारों ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन के चलते फिलहाल किसी तरह का विरोध प्रदर्शन और आंदोलन नहीं किया जा रहा है, लेकिन मामला हद से गुजरा तो कोई बड़ा मामला यहां हो सकता है। जिसका जिम्मेदार राशिद और उसको सरपस्ती देने वाले वक्फ के बड़े गुनाहगार और घाघ लोग होंगे। जिनके इशारे पर राशिद सारी गतिविधियां संचालित कर रहा है।

वक्फ पर सियासत हावी
बरसों वक्फ कमेटी पर काबिज रहे और अपने जेबें भरते रहे पुराने वक्फ दागदार नई व्यवस्थाओं से विचलित हैं। उनके हाथों से कमेटी की सत्ता जाने के बाद से ही वे लगातार इस कोशिश में लगे हुए हैं कि निजाम फिर बदलकर उनके हाथों में आ जाए। अपनी मनमानी करने के लिए वे मौजूदा कमेटी के ओहदेदारों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने के प्रयास भी करते रहते हैं। लेकिन अपने कार्यकाल में नाममात्र चंदा निगरानी जमा कराने वाले इस बात का खंडन नहीं कर पाते कि मौजूदा कमेटी ने अपनी कोशिशों से इस वक्फ की आमदनी को इतना कर दिया है कि यह वक्फ प्रदेश की सबसे बड़ी चंदा निगरानी अदा करने वाला वक्फ बन गया है।

 

ख़ान आशू

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