मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा प्रदर्शन अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई के बाद सोमवार को पुणे में इस प्रदर्शन ने हिंसा का रुप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने 6 बसों में तोड़फोड़ और आगजनी की. इसके अलावा 25 से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले किया और 80 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई.
प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोको आंदोलन किया. बाद में उन्होंने करीब दो दर्जन बसों को निशाना बनाते हुए उनमें आग लगा दी. हिंसा के चलते भीमाशंकर की ओर जाने वाली एक बस में बैठी गर्भवती महिला घायल हो गई. वहीं, पुलिस चौकी को भी आग के हवाले कर दिया गया.
पुणे के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है. कहा जा रहा है कि पुलिस मौके पर मौजूद है और कुछ नहीं कर रही है. पुलिस चाहती तो बसों में आग लगने से रोक सकती थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया.
इसके अलावा एक व्यक्ति ने ट्रेन से नीचे कूदकर जान दे दी. इस मामले में हुई आत्महत्या इस मामले में हुई ये चौथी मौत है. महाराष्ट्र में 33 फीसदी आबादी मराठा की है, यानि लगभग 4 करोड़. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है और पिछड़े वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है. इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग है. 9 अगस्त को मराठा समाज बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है.
आंदोलन में हुई मौत के लिए आंदोलनकारियों ने राज्य की फडणवीस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. आरक्षण की मांग करने वाले एक मराठा नेता ने कहा कि उन्होंने आज पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है और जब तक मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस समुदाय से माफी नहीं मांग लेते यह विरोध जारी रहेगा. मराठाओं ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान करते हुए ये सब मांगे सरकार के सामने रखी हैं.