हरियाणा के रहने वाले रवि कुमार को अब दुनिया रवि कुमार नास्तिक के नाम से जानेगी. जी हां, अपने सही सुना….अब आप सोच रहे होंगे की आखिर ये माजरा क्या है….तो चलिए आपको बताते हैं.
दरअसल एक अजीबोग़रीब मामले में हरियाणा के टोहाना के रहने वाले रवि कुमार को तहसीलदार ऑफिस से बाकायदा ‘नो कास्ट, नो रिलीजन, नो गॉड’ सर्टिफिकेट जारी किया गया है. जो देश में अपनी तरह का पहला मामला है. हालांकि यह सबकुछ इतना आसन नहीं था. इसके लिए रवि को 2 साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी.
मिली जानकारी के मुताबिक साल 2017 में रवि ने नाम सही करवाने के लिए फतेहाबाद कोर्ट में दीवानी का मामला दायर किया था. जिसके बाद उन्हें जनवरी 2019 में उन्हें नाम के साथ नास्तिक लिखने की अनुमति मिला. तो वहीं अब जाकर तहसील कार्यालय ने रवि नास्तिक को नो कास्ट, नो रिलीजन और नो गॉड प्रमाण पत्र जारी किया है.
रवि के वकील अमित कुमार सैनी ने मुताबिक जब तहसील कार्यालय ने बताया, “नो कास्ट, नो रिलिजन, नो गॉड सर्टिफिकेट जारी करने में असमर्थता जताई तो उन्होंने डिप्टी कमिश्नर के पास आवेदन किया. जिसके बाद रवि के सभी दस्तावेजों की जांच की गई और जब कहीं भी उनका क्रिमिनल रिकार्ड नहीं मिला तो दूसरे देशों से उनके सम्बन्ध को लेकर भी जांच पड़ताल की गई. इसके साथ ही यह भी पता लगाया गया कि कहीं वे इस प्रमाण पत्र का कोई दुरुपयोग तो नहीं करना चाहते. सभी बातों से संतुष्ट होने पर उन्होंने तहसील कार्यालय को सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया. जिसके बाद उप तहसीलदार ने बीते 29 अप्रैल को रवि कुमार नास्तिक के पक्ष में सर्टिफिकेट जारी कर दिया.
वहीं इस पूरे मामले पर रवि का कहना है कि वे नहीं चाहते थे कि उनकी पहचान किसी किसी विशेष वर्ग से जुडी हुई हो. जिसके चलते उन्होंने इस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन दिया था. जबकि फतेहाबाद के डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि उनकी नज़र में यह पहला मामला है जब किसी ने अपने नाम के साथ नास्तिक लिखने के लिए आवेदन किया था. उन्होंने कहा कि सेल्फ डिक्लेयरेशन के आधार पर रवि कुमार को यह प्रमाण पत्र जारी किया है.