(सूचना : 9/12 फ़रवरी तक के लिये कुंभ स्नान बंद कर दिया गया है और 14 फ़रवरी तक स्टेशन बंद कर दिया है)
महाकुंभ में जो हो रहा है वो अंधों के लिए बेहतर ही हो रहा है बहुत मुमकिन है अब उन्हें दिखाई देने लगे…
नाव वाले लूट रहे हैं
होटल वाले लूट रहें हैं
पुलिस वाले जिसे चाहे ठोक रहे हैं
फ़र्ज़ी बाबा बने दो कौड़ी के लोग हर आने जाने वालों को यहाँ तक कि प्रेस वालों को भी ठोक रहे हैं!!
चारों तरफ़ अव्यवस्था का दहशत का अफ़रातफ़री का माहौल है। सूचनाएँ ख़बरें साफ़ बता रही हैं कि न आइये जो जहां हैं वहीं से लौट जाइए कई सौ किलोमीटर तक का चारों दिशाओं में जाम लगा है मगर वाह रे अंध विश्वास वाह रे अंधभक्ति वाह रे अंधी आस्था!
सरकार को एक बात अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि जो डेढ़ सदी के बाद महाकुंभ भ्रम फैलाया है वही ख़ास वजह है इन मौतों की अव्यवस्था की अफ़रातफ़री की अराजकता की लूट की पीट की।
बेवक़ूफ़ों! प्रेक्टिकली सोचो !क्या लगता है रोज़ सात आठ लाख गाड़ियाँ पहुँच रही हैं ट्रेनों से बसों से लाखों लोग रोज़ वहाँ जा रहे हैं भीड़ में फ़सें हैं रुके हैं निकलने का इंतज़ार कर रहे हैं वो लोग लैट्रिन पेशाब कहाँ कर रहे होंगे।लाखों लोगों की ये दिनचर्या की ज़रूरतें कहाँ जाकर मिल रही होंगी। अब वहाँ शुद्धता के नाम पर क्या बचा होगा। लेकिन नहीं साब! मोक्ष की प्राप्ति की होड़ में जान देना मंज़ूर है रुकना मंज़ूर नहीं है। जबकि ऐसी सोच लेकर गये लाखों लोग चैनलों पर चीख रहे हैं कि मत आप हमने बड़ी ग़लती कर दी यहाँ आकर। यहाँ कोई प्रशासन कंट्रोल नहीं है लूटमार मची है बुरे हाल हैं। भगवान के लिए मत आओ व्यवस्था संभल जाने दो! मगर आँधी बहरी गूँगी आस्था को समझाए कौन। मगर सरकार अच्छी तरह समझ ले! कि आगामी चुनाव में इसका हर्ज़ाना तो भरना पड़ेगा। लोग वहाँ से गंगा मैया की क़सम खाकर आ रहे हैं चीख़ रहे हैं रो रो कर कह रहे हैं कि हम सरकार से बदला लेंगे वक़्त आने दो एक एक हिसाब करेंगे मज़लूमों की परेशान हाल लोगो की आहें असर में आयेंगी और तुम्हारी सारी मस्ती धरी कि धरी रह जायेगी!!
Adv from Sponsors