भोपाल। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए सियासी बिसात बिछना शुरू हो गई है। देखने में ये मुकाबला सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच जरूर है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ये घमासान अकेले अरुण यादव (इस क्षेत्र के संभावित कांग्रेस प्रत्याशी) और सरकार के सारे कद्दावरों के बीच होता दिखाई देने लगा है। जहां भाजपा लोकसभा की आठों विधानसभा के लिए अपने रणवीर पाबंद कर चुकी है, वहीं कांग्रेस फिलहाल बैठकों के जरिए चुनावी रणनीति बनाने में ही जुटी हुई है।
उपचुनाव की सुगबुगाहट शुरू होने के साथ कांग्रेस भले सन्नाटा ओढ़कर सोई हुई है लेकिन यहां के पिछले पराजित और इस चुनाव में संभावित उम्मीदवार अरुण यादव ने अपनी तैयारियों की कमान कसना शुरू कर दी है। कोरोना हालात नियंत्रण में आने और लॉक डाउन के हालात सुधरते ही यादव ने लोकसभा क्षेत्र का भ्रमण शुरू किया है। दो माह से अधिक समय से वे अपने चुनाव क्षेत्र में उन परिवारों से मिलने पहुंच रहे हैं, जहां कोरोनाकाल में किसी का निधन हुआ है। इन मुलाकाती दौरों के बीच अरुण यादव अपने सियासी सलाहकारों, मददगारों, समर्थकों और मैदानी कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनावी रणनीति भी बनाते चल रहे हैं।
भाजपा ने झोंक दिए दिग्गज
शुरुआती दौर में कांग्रेस की तरफ से अरुण यादव का नाम तय दिखाई दे रहा है। इसके विपरीत भाजपा अभी कई नामों पर मंथन कर रही है। इनमें पूर्व सांसद कृष्ण मुरारी मोघे, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस और क्षेत्र से सांसद रहे स्व नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष चौहान का नाम लिया जा रहा है। इससे हटकर भाजपा ने लोकसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने के मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। लोकसभा की सभी आठ विधानसभा सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं।
किसको कहां का प्रभार
=मंत्री कमल पटेल, पूर्व विधायक जसवंत सिंह हाड़ा और किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर को खंडवा
=मंत्री विजय शाह और प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार को मांधाता
=मंत्री तुलसी सिलावट और प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह सोंधिया को नेपानगर
=मंत्री इंदर सिंह परमार और गोपीकृष्ण नेमा को बुरहानपुर
=मंत्री मोहन यादव और सांसद शंकर लालवानी, अनिल जैन को पंधाना
=मंत्री ऊषा ठाकुर और चिंतामणि मालवीय को बागली
= मंत्री जगदीश देवड़ा और जीतू जिराती को भीकनगांव
कांग्रेस अभी बैठकों में
चुनावी रणनीति के तहत जहां भाजपा ने अपनी जमावट शुरू कर दी है, वहीं कांग्रेस अभी बैठकों में ही व्यस्त है। सूत्रों के मुताबिक इस उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने अब तक इक्का दुक्का बैठकें की हैं। 29 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी इसी तारतम्य में एक बैठक करने वाले हैं। इसके अलावा कांग्रेस की तैयारी के नाम पर महज अरुण यादव के क्षेत्र के दौरे, क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की छुटपुट बैठकें और कांग्रेस सेवा दल की क्षेत्र में आवाजाही तक ही सीमित है।