लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद तेजप्रताप यादव राहुल गांधी के समर्थन में उतर आये हैं. राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर रहते हुए चुनौतियों का सामना करना चाहिए. इसके साथ ही उनका कहना था कि देश को उनके जैसे युवा नेतृत्व की जरूरत है.
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबरों के बीच तेजप्रताप यादव ने एक ट्वीट किया. अपने इस ट्वीट में तेज प्रताप यादव ने लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी का मैं समर्थन करता हूँ. उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहते हुए सामने आए हुए चुनौतियों का सामना करना चाहिए. देश को आपके जैसे युवा नेतृत्व की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में ‘आई सपोर्ट राहुल गांधी’ हैशटैग का इस्तेमाल किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी का मैं समर्थन करता हूँ। उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहते हुए सामने आए हुए चुनौतियों का सामना करना चाहिए। देश को आपके जैसे युवा नेतृत्व की जरूरत है।#ISupportRahulGandhi@RahulGandhi
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) May 28, 2019
वहीं दूसरी तरफ आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी के इस्तीफे को आत्मघाती करार दिया है. द टेलीग्राफ में छपी एक खबर का लिंक साझा करते हुए उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि “राहुल गांधी की इस्तीफा देना आत्मघाती होगा. बीजेपी को उखाड़ फेंकने का विपक्षी पार्टियों का मकसद था लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह धारणा बनाने में हम असफल रहे.” इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी से कांग्रेस को बाहर निकालने के लिए राहुल सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. थरूर का कहना है कि कांग्रेस को ‘ख़त्म’ मान लेना बहुत जल्दबाजी होगी क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी अभी सक्रिय है और अपनी मौजूदगी बनाए हुए है.
Rahul’s offer to resign suicidal. Opposition parties had the common goal to dislodge BJP but failed to build a national narrative. The result in a particular election can never alter the reality in as diverse and plural a country as India. Read more..https://t.co/DkeXAygrFw
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 28, 2019
आपको बता दें कि बिहार में कांग्रेस-राजद-आरएलएसपी-हम और वीआईपी ने महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा था. लेकिन एनडीए के मुकाबले महागठबंधन फ्लाप साबित हुआ. बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एनडीए गठबंधन ने 39 सीटों पर बाजी मारी, तो वहीं महागठंधन को मात्र 1 सीट से संतोष करना पड़ा. जो कांग्रेस के खाते में गई.