नई दिल्ली : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बेटे तेजप्रताप यादव के घर पर IGIMS डॉक्टरों की तैनाती का नया मामला सामने आया है जिसपर जमकर बवाल हो रहा है. आखिर कौन है वो बीमार शख्स जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्री के घर पर 10 दिनों तक सरकारी डॉक्टरों को तैनात किया गया था. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद डाक्टरों को वहां से हटा दिया गया है.
अब सवाल ये उठ रहा है की क्या वजह थी स्वास्थ्य मंत्री के घर पर लगातार दस दिनों तक डाक्टरों की टीम को तैनात किया गया था. इस मामले में IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ पीके सिन्हा ने कहा कि कोई भी वहां स्थायी तौर पर तैनात नहीं था, सभी लोग शिफ्ट में यह आते थे जो सुबह और शाम की होती थी.
सिन्हा ने बताया कि तेज प्रताप स्वास्थ्य मंत्री हैं, हम उन्हें किसी चीज के लिए मना नहीं कह सकते. स्वास्थ्य मंत्री और IGIMS का चेयरमैन होने के नाते उन्हें प्राथमिकता मिलेगी. आम आदमी और एक चेयरमैन में फर्क होता है. और अगर किसी का इलाज हो रहा है तो हम जानकारी लीक नहीं कर सकते.
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद से ही लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ी हुई है दरअसल जानकारी के मुताबिक़ , मई के आखिर में लालू यादव की तबियत खराब हुई थी. जिसके बाद उनके इलाज के लिए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) के डाक्टरों की टीम उनके घर पर तैनात की गयी थी. सरकारी खर्चे पर इस तरह से इलाज करवाना गलत है और इसी लिए इस मुद्दे पर विवाद हो रहा है.
डॉक्टरों की ये टीम 31 मई से 8 जून तक बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव के सरकारी आवास पर ही तैनात थी. जानकारी के मुताबिक़ तेज प्रताप यादव ने ही डॉक्टरों को अपने पिता लालू प्रसाद यादव के इलाज के लिए घर में तैनाती का आदेश दिया था.