रविवार यानी तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में हुए बवाल की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया गया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग गठित किया गया है। आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।
आयोग का मुख्यालय लखीमपुर खीरी में होगा। मालूम हो कि आज सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी कांड को लेकर सुनवाई भी होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। सुनवाई से पहले सरकार ने आयोग गठित कर दिया है।
न्यायिक जांच के अलावा किसान चाहते हैं गृहराज्य मंत्री की बरखास्तगी और उनके बेटे की गिरफ्तारी
किसान नेता राकेश टिकैत ने कि हमारा समझौता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर हुआ है न कि किसानों को मिले मुआवजे पर। यदि कोई मंत्री यह समझ रहा है कि समझौता मुआवजे पर हुआ है तो वह अपनी जुबान को लगाम देकर इस तरह की बयानबाजी कदापि न करें। अपना अकाउंट नंबर दे दें, जो पैसा किसानों को दिया गया उतना पैसा ट्रांसफर करा दिया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के मुखिया राकेश टिकैत ने यह बात बुधवार को मोहल्ला हाथीपुर स्थित गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। किसान नेता अपने लाव लश्कर के साथ दोपहर करीब डेढ़ बजे गुरुद्वारा पहुंचे। कुछ देर तक वहीं पर आराम कर लंगर छका। इसके बाद उन्होंने कहा कि हमारा समझौता तो यह था कि शवों का दाह संस्कार हो जाए। हम शव पर आंदोलन नहीं करना चाहते, जो भी निर्णय लिए गए हैं उसमें परिवार और संयुक्त मोर्चा के लोगों की सहमति है।
उन्होंने कहा कि हालात देखते हुए सरकार ने सात दिन का समय मांगा है। निर्धारित समय में यह कर्मकांड कराने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री इस्तीफा दें और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी हो। निश्चित समय में गिरफ्तारी और बर्खास्तगी न होने पर पगड़ी रस्म के दिन देशव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन स्थगित नहीं हुआ है। जब तक तीनों बिल और एमएसपी की गारंटी नहीं ली जाती तब तक निरंतर जारी रहेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि अब पुलिस अपने काम पर लग जाए। अंतिम अरदास तक हमें हर हालत में रिजल्ट चाहिए। बोले, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर भी 120बी में मुकदमा है। उन्होंने कहा कि पत्रकार भी किसान है, उसको भी मुआवजा मिलना चाहिए। भिंडार वाले की फोटो वाली टी शर्ट के सवाल पर कहा कि कुछ लोग उसे संत मानते हैं, लेकिन सरकार आतंकवादी।
मृतकों के परिजन को पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार देगी 50-50 लाख
लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में 4 प्रदर्शनकारी किसानों और एक पत्रकार समेत कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार ने मृतक किसानों के परिवारों और पत्रकार के परिवार को 50-50 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही 45-45 लाख दे चुकी है। इस तरह हर पीड़ित परिवार को 1.45 करोड़ रुपए की सहायता मिलेगी।
किसान नेता आशीष की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े
लखीमपुर मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी न होने पर किसान संगठनों में नाराजगी है। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘हमारी चार मांगें थीं- मुआवजा, नौकरी, मंत्री पुत्र की गिरफ्तारी और मंत्री की बर्खास्तगी। मुआवजा मिल गया, FIR भी हुई, पर गिरफ्तारी नहीं हुई। हम 6 दिन का समय दे रहे हैं। अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो बड़ा प्रदर्शन होगा। सरकार को अगर लगता है कि 45 लाख में समझौता हुआ है तो किसान परिवार राशि लौटा देंगे।’