कोल इंडिया इकाई में हो रहे कोयला उत्खनन के कार्य में ब़ड़ी मात्रा में बारूद का प्रयोग होता है. बारूद से हैवी ब्लास्ट के बाद कोयला निकाला जाता है, जिसकी बदौलत कोल इंडिया आज मिनी रत्न के नाम से जानी जाती है. वहीं इस हैवी ब्लास्टिंग के कारण हजारों लोगों को नुकसान होता है और लोग भय के साये में जीवनयापन को विवश हैं. हालांकि इस नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए कोई तैयार नहीं. कोयलांचल में रह रहे लोग हैवी ब्लास्टिंग के नाम से ही खौफजदा हो जाते हैं. परियोजना के आसपास जब ब्लास्टिंग कि जाती है तो लोग घर छोड़ कर भाग जाते हैं. विस्फोट के कारण घर की दिवारें दरक जाती हैं.
कई घर तो नष्ट हो चुके हैं. विस्फोट से पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े घरों पर आ गिरते हैं. उनकी समस्याओं को सुननेवाला कोई नहीं है. बी.सी.सी.एल. एवं डी.जी.एम.एस. के उच्च अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं देते. बी.सी.सी.एल. के अंदर काम कर रहीं आउटसोर्सिंग कंपनियां माइनिंग एक्ट का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं. खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन कर ब्लास्टिंग की जाती है. अब तक सैकड़ों लोग ब्लास्टिंग में जान गवां चुके हैं.
12 अक्टूबर, 2015 को बी.सी.सी.एल. लोदना क्षेत्र सं. 10 के जीनागोरा साउथ तीसरे परियोजना में हैवी ब्लास्टिंग की गई, जिसमें शिव मंदिर धौडा निवासी जगमती देवी, मनोज ठाकुर समेत कई के घरों में दरारें आ गईं. 11 दिसम्बर, 2015 बी.सी.सी.एल के नॉर्थ तीसरे परियोजना में दोपहर में हैवी ब्लास्टिंग कि गई, जिसमें डी.बी. रोड निवासी मीरा देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं. आक्रोशित ग्रामीणों ने घायल के साथ उन्कलाइन प्रबंधन के कार्यालय पर जमकर आंदोलन किया और घंटो तक काम भी बंद करा दिया.ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कभी भी प्रबंधन ब्लास्टिंग करने से पहले सायरन का प्रयोग नहीं करता है.
9 सितम्बर, 2015 को सेन्दरा बासजोड़ उत्खनन परियोजना में हैवी ब्लास्टिंग के खिलाफ कोलियरी कार्यालय में जदयू के बैनर तले जबरदस्त हंगामा किया गया. हद तो तब हो गई, जब बी.सी.सी.एल. गोविन्दपुर क्षेत्र सं.3 के महेशपुर कोलियरी में संचालित अम्बे माइनिंग आउटसोर्सिंग कंपनी ने नियम को ताक पर रख कर हैवी ब्लास्टिंग किया, जिसके कारण आसपास के दर्जनों लोग घायल हो गये. ग्रामीणों ने परियोजना का कामकाजबंद करा कर इसकी शिकायत खान सुरक्षा महानिदेशालय,धनबाद से की.
8 जुलाई को डी.जी.एम.एस. के माइनिंग निदेशक सी.आर. कुमार एवं उप निदेशक राकेश मिश्रा ने मामले की जांच की, जिसमें कंपनी में कार्यरत माइनिंग सरदार एवं ओवर मैन को नहीं पाया गया, जबकि ब्लास्टिंग के दौरान दोनों को रहना अनिवार्य होता है. कंपनी में कार्यरत कर्मियों को वोकेशनल ट्रेनिंग भी नहीं दी गई थी. कार्य स्थल के समीप रह रहे दर्जनों लोगों के घर को देखकर डी.जी.एम.एस. के अधिकारियों ने प्रबंधन को खरीखोटी सुनाते हुएअगले आदेश तक कार्य बंद करने का आदेश दिया. 24 सितम्बर को तेतुलमारी ओ.सी.पी. परियोजना में हैवी ब्लास्टिंग के कारण दर्जनों घरों मे दरारें आ गईं थीं.
कई लोग घायल हुए. आक्रोशित ग्रामीणों ने चंदौर ग्रामीण संघर्ष समिति के बैनर तले परियोजना को ठप कर आंदोलन शुरू कर दिया. बाद में जिला प्रशासन, प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई, जिसमें तय किया गया कि ग्रामीणों की ओर से पांच सदस्य एवं प्रबंधन की ओर से 3 लोगों को रखकर कमेटी बनाई जायेगी, जो ब्लास्टिंग की देखरेख करेगी.
बी.सी.सी.एल के मुनीडीह में चल रहे आउटसोर्सिंग कंपनी उंदु प्रोजेक्ट द्वारा उंंक्लाइन में हैवी ब्लास्टिंग किया गया,जिसकी शिकायत लोगों ने धनबाद भाजपा विधायक राज सिन्हा से किया. तत्काल विधायक ने परियोजना पदाधिकारी जे.एस. महापात्रा और प्रबंधक रविकृष्णन एवं मुनीडीह के ग्रामीणों के बीच वार्ता कराई. वार्ता के दौरान लोगों ने शिकायत की कि प्रबंधन 11:30 बजे से शाम 4 बजे तक ब्लास्टिंग का कार्य करता है, जो नियम के खिलाफ है. यहां 180 क्वार्टर हैं, जिसमें हजारों लोग रहते हैं. विधायक ने प्रबंधक को कहा कि इन लोगों को दूसरे जगह शिफ्ट करें, लेकिन आज तक यह नहीं हो सका.
सितम्बर 2015 में ही बी.सी.सी.एल.बस्ताकोला क्षेत्र सं. 9 के घनुडीह परियोजना में हैवी ब्लास्टिंग होने से रामानन्द सिंह का घर भरभरा कर गिरगया. संतोष, पंकज के घर में भी दरारें आ गईं. इसकी भी शिकायत झरिया विधायक सह जनता मजदूर संघ के महामंत्री संजीव सिंह से की गई. विधायक ने तत्काल प्रबंधन से वार्ता की. आई.एस.एम. के प्रोफेसर ए.के. मिश्रा के बयान पर कि प्रबंधन द्वारा की जा रही ब्लास्टिंग से केन्दुआडीह में निर्मित मकान हिलेगा, मगर गिरेगा नहीं.
इस बयान पर ग्रामीण आक्रोशित हो गये. हालांकि बीसीसीएल के द्वारा सुरक्षा नियमों के पालन का दावा किया जाता है, पर ऐसा होता नहीं है. इस सम्बन्ध में धनबाद के सांसद पी.एन. सिंह, विधायक राज सिन्हा, विधायक संजीव सिंह, निरसा विधायक, अरूप चटर्जी, बिहार कोलियरी कामगार युनियन के राष्ट्रीय महामंत्री एस.के. बक्सी इंटक के वरिष्ठ नेता ए.के. झार, राजु झा, राकेश पासवान ने साफ शब्दों में कहा कि कोयला खनन में हो रही हैवी ब्लास्टिंग में माइनिंग एक्ट का खुलेआम उल्लंघन है. नियम के तहत ब्लास्टिंग किया जाय, ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा हो सके.