जो नेता सोनिया गाँधी को नेता बनाने चाहते थे यह वही नेता थे जिन्होंने एक हो कर राजीव गांधी को सत्ता से हटाया था और ठीक पन्द्रह साल बाद राजीव गाँधी की पत्नी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को बनाने की मुहीम वह व्यक्ति शुरू कर रहा था जिसने राजीव गाँधी को सत्ता से हटाने मे केंद्रीय भूमिका निभाई थी,वह थे विश्वनाथ प्रताप सिंह।
वरिष्ठ पत्रकार और चौथी दुनिया के संपादक श्री संतोष भारतीय जो खुद इस वाक्य के साक्षी थे ने अपनी किताब मे लिखा की 10 मई को वी पी सिंह सोनिया गांधी से मिलने गए उनके साथ संतोष भारतीय डॉ मंज़ूर आलम और अहमद पटेल भी थे। सोनिया गाँधी और वी पी सिंह ने आपस मे बातचीत की। वी पी सिंह ने संतोष भारतीय को बताया कि सोनिया गाँधी चाहती है कि वी पी सिंह सरकार बनाने मे विपक्षी नेताओं को तैयार करे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वो इस सिलसिले मे पहले ही सुरजीत ,ज्योति बासु और करूणानिधि से बात कर चुके है। जिसमे करूणानिधि नहीं चाहते कि सोनिया गाँधी प्रधानमंत्री बने।
इसी दौरान वी पी सिंह ने चंद्रशेखर से बात की और वो कांग्रेस का समर्थन करे और चंद्रशेखर सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मान गए। वी पी सिंह की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई,जिसमे वी पी सिंह ने स्पष्ट रूप से सोनिया गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की और लेफ़्ट व करूणानिधि से अपील की वो सोनिया गाँधी का समर्थन करे। 17 मई भारत के राजनैतिक इतिहास का महत्वपूर्ण दिन था। उस दिन वी पी सिंह को चिट्ठी भेजी गई उस चिट्टी मे ऐसी बात लिखी थी जिसने वी पी सिंह को चौंका दिया था। उसमे सोनिया गाँधी ने लिखा था कि “वो प्रधानमंत्री नहीं बनेंगी बल्कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे”।
वी पी सिंह ने सोनिया गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए जहाँ एक तरफ बीजेपी को रोक दिया था वही दूसरी तरफ उन सबको सोनिया गाँधी के साथ खड़ा कर दिया था जो उनके स्वाभाविक विरोधी थे। सोनिया गाँधी के प्रधानमंत्री न बनने की कही वजाए सामने आई लेकिन संतोष भारतीय ने अपनी इस किताब मे खुलासा किया है की सोनिया गाँधी की प्रधानमंत्री बनने की असल वजह क्या थी उन्होंने लिखा है की सोनिया गाँधी के इस फ़ैसले के पीछे उनके बच्चे प्रियंका गाँधी और राहुल गाँधी थे। सोनिया गाँधी के इस फ़ैसले ने उन्हें एक समझदार नेता के रूप मे उभारा।
सोनिया गाँधी के इस फ़ैसले से सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बड़ा झटका लगा। राजनीती मे जैसे कोई बड़ी हलचल मची हो। 18 मई को राष्ट्रपति ने मनमोहन सिंह को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। मनमोहन सिंह देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री घोषित कर दिए गए।
“वी पी सिंह,चंद्रशेखर,सोनिया गाँधी और मैं” श्री संतोष भारतीय की यह किताब ज़रूर पढ़े,किताब warriors victory publishing house पर उपलब्ध है।