भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करते हुए जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले का बदला ले लिया है. इसएयर स्ट्राइक में मिराज 2000 विमानों ने अहम भूमिका निभाई. लेकिन क्या आप जानतें है कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के लिए मिराज 2000 विमोनों को ही क्यों चुना? वो भी तब जब वायुसेना के पास सुखोई जैसा फाइटर जेट मौजूद हो. तो चलिए आपको बताते हैं.
दरअसल इतने बड़े मिशन के लिए फाइटर जेट का चुनाव करना आसन नहीं था. लेकिन मिराज 2000 विमानों की कुछ खुबियां इसे बाकी फाइटर जेट से बिलकुल अलग करती हैं. क्योंकि मिराज 2000 एक फ्लाई बाइ वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम से लैस है. साथ ही इसमें सेक्सटैंट वीई-130 एचयूडी इंस्टॉल है जो फ्लाइट कंट्रोल, नेविगेशन, टारगेट की स्थिति और हथियारों की फायरिंग जैसे डाटा को डिस्प्ले करता है.
मिराज 2000 लेसर गाइडेड बम के अलावा हवा से हवा में मार कर सकने वाली और हवा से जमीन पर मार कर सकने वाली मिसाइल को भी ले जा सकता है. इसके साथ ही इसमें डॉप्लर मल्टी टारगेट रडार भी लगा हुआ है जो इसे बेहद खास बनातीं है. मिराज 2000 की अधिकतम स्पीड 2336 किलोमीटर प्रति घंटा यानी मैक 2.2 है. साथ ही यह 1550 किलोमीटर तक 59,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
जिसकी बानगी आज देखने को मिली. जब 12 मिराज 2000 विमान पाकिस्तान के एयरस्पेस के अंदर दाखिल हुए और 1000 किलोग्राम वाले लेजर गाइडेड बम से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप्स ताबड़तोड़ बम बारी की.
मिराज 2000 भारतीय वायु सेना का सबसे खतरनाक एयरक्राफ्ट माना जाता है. इसे साल 1985 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था. कारगिल युद्ध में भी मिराज विमानों ने हिस्सा लिया था. उस समय भी मिराज 2000 विमानों को क्रॉस बॉर्डर स्ट्राइक के लिए इस्तेमाल किया गया था.जहां यह बेहद कामयाब रहा था.