नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सीएम पद की दावेदारी की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। मनोज सिन्हा के सिर पर सीएम का ताज सजना लगभग तय माना जा रहा है। सिर्फ औपचारिक ऐलान ही बाकी है। कल की सुगबुगाहट के बाद आज मनोज सिन्हा ने वाराणसी के काल भैरव में दर्शन किए।
बेदाग छवि, सौम्य स्वभाव और पूंर्वांचल से जुड़े सीधे रिश्ते के चलते वो सीएम कुर्सी के सबसे करीब पहुंचे। एक वक्त में राजनाथ सिंह से उनके रिश्ते अच्छे नहीं माने जाते थे लेकिन अब वो राजनाथ सिंह के करिबियों में गिने जाते हैं। गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा अपने इलाके में खासे सक्रिय भी माने जाते हैं। आईए जानते हैं उनके अब तक के सफर के बारे में…
- मनोज सिन्हा का जन्म 1 जुलाई 1959 गाजीपुर के मोहनपुरा में हुआ था। पूर्वांचल के बड़े नेताओं में शुमार मनोज सिन्हा अपने सरल स्वभाव के लिए भी खासे चर्चित हैं।
- सिन्हा ने बीएचयू (IIT) से सिविल इंजीनियरिंग में एम.टेक किया है।
- बीएचयू में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। युवाओं के बीच में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
- सिन्हा ने सन् 1989 में बीजेपी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बने।
- 1996,99 और 2014 में गाजीपुर से सांसद भी रहे हैं।
- पीएम मोदी की नजर में अच्छा काम किया है। मोदी कैबिनेट में रेल राज्य मंत्री का भी काम संभाल रहे हैं।
- आरएसएस से भी अच्छे संबंध माने जाते हैं।
- परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। बेटी की शादी हो चुकी है और बेटा टेलीकॉम सेक्टर में नौकरी करता है।
- पूर्वांचल में पार्टी का आधार बढ़ाने का जिम्मा भी मनोज सिन्हा को दिया गया है।
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