नई दिल्ली : दिल्ली सरकार और एलजी के बीच जंग का सिलसिला जारी है. अनिल बैजल के आने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि यह विवाद थमेगा. अब हालात ये हैं कि मुख्यमंत्री ने एलजी दफ्तर में काम करने वाले अधिकारियों के कॉल डिटेल्स खंगालने और विजिटर रजिस्टर चेक कराने के निर्देश दे दिए हैं.

केजरीवाल ने एलजी दफ्तर के अधिकारियों पर सरकारी फाइलों के लीक करने का आरोप लगाया है. यह आरोप मुख्यतः 97 करोड़ रुपए के विज्ञापन विवाद को देखकर लगाया गया है. केजरीवाल मानते हैं कि ऐसा आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. इसलिए विज्ञापन विवाद से जुड़ी फाइलों को एमसीडी चुनाव से पहले लीक कराया गया. नजीब जंग और आप के विवाद से निराश दिल्ली की जनता को अनिल बैजल के आने के बाद थोड़ी राहत की उम्मीद थी. एलजी और सरकार के विवाद के कारण दिल्ली में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे थे. लेकिन सरकार के इस कदम से यह विवाद और बढ़ने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि हाल में एलजी ने केजरीवाल सरकार को सरकारी खजाने में विज्ञापन के मद में खर्च किए गए 97 करोड़ रुपए जमा कराने के निर्देश दिए थे. इससे पूर्व एलजी बैलेट पेपर से एमसीडी चुनाव कराने के आप के प्रस्ताव को भी ठुकरा चुके हैं. पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल की फैमिली को 1 करोड़ मुआवजा देने के प्रस्ताव को भी खारिज कर एलजी ने फाइल लौटा दी थी. इससे पूर्व केजरीवाल सरकार की फीडबैक यूनिट को बैजल ने बंद करा दिया था. केजरीवाल सरकार इस यूनिट का इस्तेमाल खुफिया विभाग के रूप में कर रही थी.

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