नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद से ईवीएम को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने अपने आरोपों में और धार देते हुए चुनाव आयोग पर फिर सवाल खड़े किए। प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होने आरोप लगाया कि धौलपुर में 200 में से 18 ईवीएम मशीने खराब थी लेकिन चुनाव आयोग इसकी जांच नहीं करवा रहा है। इससे पहले उन्होने भिंड में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे।
केजरीवाल के आरोपों के मुताबिक करीब 10 फीसदी ईवीएम मशीनें खराब थी। केजरीवाल के आरोप गंभीर हैं। इससे पहले मायावती ने भी ऐसे ही सवाल खड़े किए थे। केजरीवाल ने चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत की भी आशंका व्यक्त की। ऐसे में चुनाव आयोग का चुप्पी साधे रहना भी उन्हे संदेह के घेरे में खड़ा कर रहा है।
लगातार उठते सवालों को लेकर चुनाव आयोग को इस पर जवाब देना चाहिए। लोकतंत्र के प्रति आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि आखिरी व्यक्ति तक ये विश्वास दिलाया जाए कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जा रहे हैं। ऐसे में किसी भी स्तर से सवाल उठे तो जवाब देना चुनाव आय़ोग की जिम्मेदारी है।