मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी उम्मीदवार और मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को एटीएस के प्रमुख रहे दिवंगत हेमंत करकरे पर विवादित बयान नहीं देना चाहिए था।
प्रज्ञा इस बयान को लेकर विवादों में हैं कि करकरे की मुंबई हमले के दौरान इसलिए मृत्यु हुई क्योंकि उन्होंने मालेगांव विस्फोट मामले की जांच के दौरान उन्हें ‘यातनाएं’ दिये जाने के लिए उन्हें (करकरे) श्राप दिया था। इस मामले की जांच के दौरान करकरे राज्य आतंकवाद रोधी दस्ते के प्रमुख थे।
फडणवीस ने कहा, ”दिवंगत करकरे बहुत बहादुर और तेजतर्रार पुलिस अधिकारी थे और उन्हें हमेशा शहीद के तौर पर याद किया जाएगा। साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणी उनकी निजी राय है और हम इसका समर्थन नहीं करते।”
उन्होंने कहा, ”उन्होंने माफी भी मांगी है और कहा है कि यह (बयान) व्यक्तिगत दर्द के कारण दे दिया। हालांकि मुझे लगता है कि इस तरह के बयान कभी नहीं दिये जाने चाहिए।”
वहीँ मध्यप्रदेश में भोपाल से बीजेपी की उमीदवार और शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही कहने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा समर्थन है। साध्वी के प्रत्याशी बनाए पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साध्वी की उम्मीदवारी कांग्रेस को महंगी पड़ने वाली है। पीएम मोदी ने बिना राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नाम लिए कहा कि अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार भी तो जमानत पर रिहा है। इस पर चर्चा नहीं, लेकिन भोपाल की उम्मीदवार जमानत पर हो तो ये बहुत बड़ा तूफान खड़ा कर देते हैं ये कैसे चलेगा। उन्होंने कहा कि उन सबको जवाब देने के लिए साध्वी प्रज्ञा एक प्रतीक है और यह कांग्रेस को महंगा पड़ने वाला है।