दिनांक 20 नवम्बर 2016 को इन्दौर पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास पलट गई थी जिसमें 152 यात्रियों की मौत हो गई थी। सरकार ने यह अंदेशा जताया था कि रेल दुर्घटना में आतंकवादियों का हाथ है और तत्कालीन रेल मन्त्री श्री सुरेश प्रभु द्वारा दुर्घटना की जॉच एनआईए को भी सौंप दी गई थी । माननीय प्रधानमंत्री महोदय द्वारा भी एक चुनाव मीटिंग में इस दुर्घटना को आतंकवादी कार्रवाई बताया गया था। यह भी उल्लेखनीय है कि माह फ़रवरी 2017 में यूपी विधानसभा के चुनाव हो रहे थे ।
दुर्घटना के लगभग चार साल बाद आयुक्त रेलवे सुरक्षा ने अपनी जॉच रिपोर्ट मन्त्रालय को सौंप दी है जिसमें दुर्घटना के कारणों का खुलासा किया गया है। आयुक्त रेलवे सुरक्षा ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दुर्घटना गंभीर यांत्रिक ख़राबी ( Catastrophic Mechanical failure ) के कारण हुई थी रिपोर्ट में बताया गया है कि एक कोच के जंग लग जाने से वेल्डिंग ज्वाइट टूटने से एक हिस्सा ट्रैक पर गिर गया था जिसने रेल की तेज गति को अवरुद्ध किया जिस कारण तत्काल दो कोच ट्रैक से उतर गये और तीसरे कोच पर पलट गये थे जिस कारण दुर्घटना हो गयी । डीरेल होने के समय ट्रेन की गति 106 किमी प्रति घंटा थी । यह सब घटने में मात्र तीन सेकेंड का वक़्त लगा था । कोच के ब्रेकिंग सिस्टम अत्यधिक पुराने व जंग लगे थे जिस कारण वेल्डिंग ज्वाइट टूट गया था।
आयुक्त रेलवे सुरक्षा पीके आचार्य जो अब रिटायर्ड हो चुके है ने यह भी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उनकी रिपोर्ट को स्वीकार एनआईए की रिपोर्ट जो sabotage के एंगल पर जॉच कर रही के प्राप्त होने के बाद किया जाये ।
एनआईए ने इतनी बड़ी दुर्घटना की जॉच रिपोर्ट अभी तक नहीं दी है और विशेषतः उस मामले में जिसमें आतंकवादी साज़िश की संभावना जताई जा रही थी । रेलवे को भी अपनी विभागीय जॉच पूरी करने में लगभग चार साल लग गये जबकि ऐसे मामलों मे त्वरित जॉच की अपेक्षा रहती है। आतंकवादी साज़िश की जॉच एनआईए अभी तक पूरी नहीं कर सका है जो एक आश्चर्य का विषय है। दरअसल हमारे देश में जब कोई घटना घटती है तो बड़ा शोर शराबा होता है और तमाम तरह की जाँचें बिठाई जाती है पर जॉच हुई भी या नहीं या रिपोर्ट में क्या मिला पर कभी चर्चा नहीं होती । इस रेल दुर्घटना को पहले ही दिन से सरकार के स्तर पर आतंकवादी साज़िश मान कर प्रचारित कर दिया गया था तो एनआईए भी अब क्या करे ? आतंकवादी साज़िश मिली नहीं तो अब क्या रिपोर्ट दे ?
यह पूरा वाक़या दिनांक 26 अक्तूबर के इंडियन एक्सप्रेस में छपा है।
Rk Jain