आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए पीएम मोदी का प्रचार करना राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह को भारी पड़ गया है. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति ने गृहमंत्रालय को कल्याण सिंह पर कार्रवाही करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि कल्याण सिंह ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए 25 मार्च को अलीगढ़ में सभी देशवासियों को भाजपा का कार्यकर्ता करार दिया था.उनका कहना था कि हम सभी भाजपा कार्यकर्ता हैं और सभी चाहते हैं कि भाजपा चुनाव जीते. साथ ही उन्होंने कहा था कि हम चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें ये देश के लिए बहुत जरूरी है. कल्याण सिंह के इस बयान की पूरे देश में आलोचना हुई थी. चुनाव आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था और देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को मामले की रिपोर्ट सौंपी थी. जिसे राष्ट्रपति ने कार्रवाई के लिए गृहमंत्रालय को भेज दी है.
यह पहला मौका है जब किसी राज्यपाल ने देश के पीएम के प्रचार लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. हालांकि आदर्श आचार संहिता राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर लागू नहीं होती. लेकिन राष्ट्रपति कार्यालय ने साफ़ कर दिया है कि किसी भी संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्तियों को चुनाव प्रचार की इजाजत नहीं हैं.
वहीं इससे पहलेसाल 1990 में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल गुलशेर अहमद के अपने बेटे के लिए प्रचार करने पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई थी. जिसके बाद गुलशेर अहमद ने पद से इस्तीफ दे दिया था.