आज चार हफ़्ते हो रहे ! और सिर्फ दो लोग तेरह करोड जनसंख्या के महाराष्ट्र की सरकार चला रहे हैं ! इतने क्षमताशाली लोगों को देखकर लगता है, कि महाराष्ट्र के माडल को केंद्र ने भी अपनाना चाहिए ! नही तो भी वहां भी दो ही लोगों का बोलबाला है !
और विरोधी दल का सिरदर्द भी हमेशा के लिये खत्म कर देना चाहिए ! रोज किसी न किसी विरोधी दल के सदस्य को, संसद के बाहर करते रहने का कष्ट करने की जरूरत ही नहीं रहेगी ! क्योंकि इन्हीं देशद्रोही जमातों के कारण सरकार के कामकाज में खलल पैदा होते रहता है ! वैसे भी कांग्रेस मुक्त भारत का नारा है ही ! तो मै जोडना चाहुंगा विरोधी दल मुक्त भारत ! सिर्फ और सिर्फ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी ही इस देश में रहनी चाहिए ! और सभी देशद्रोही पार्टीयो का अस्तित्व खत्म कर देना चाहिए ! न रहेगा बांस और न ही बजेगी बासुरी ! नाही तो भी हिटलर और मुसोलीनी को आदर्श मानकर ही तो मातृसंस्था की स्थापना 1925 में की है !
और 1932 में इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलीनी को, मिलान में संघ के संस्थापकों में से एक ! डॉ. धर्मवीर मुंजे तिन हप्ते, सभी फासीस्ट संस्थानों को भेट देने के बाद, विशेष रूप से इटली के डिक्टेटर बेनिटो मुसोलीनी को राजधानी मिलान में मिले थे ! और उन्हें बडे ही अभिमान से बोले थे ! “कि हमने भी भारत में सात साल पहले आपके बलाला के तर्ज पर संघ की स्थापना की है” ! और इसी संघठन से प्रशिक्षण प्राप्त कोई नरेंद्र हो या देवेंद्र की कूछ भी गलती नहीं है ! क्योंकि जो बच्चा उम्र की शुरुआत में ही बीस – पच्चीस साल संघ की शाखा और, ओटीसी के ट्रेनिंग लेने के बाद जीवन के किसी भी क्षेत्र में जायेगा, तो वह संघ के एकचालकानुव्रत के सिद्धांतों के अनुसार ही काम करेगा ! जो हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीजी कर रहे हैं ! वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी उनकी कार्यशैली हूबहू ऐसी ही थी ! वहां के भी विधान सभा में पंद्रह साल के अपने कार्यकाल में इसी तरह की हरकतों को करते थे ! अब लोकसभा में भी अलग कुछ नहीं कर रहे हैं !
अभिकी ताजी बात है ! निवर्तमान राष्ट्रपति श्री. रामनाथ कोविदजी के विदाई समारोह में, राष्ट्रपति प्रधानमंत्रीजी को नमस्कार कर रहे हैं ! और प्रधानमंत्रीजी ने उनके नमस्कार का जवाब देने की जगह दुसरी तरफ अपना मुंह फेर लिया था ! पहले उन्हें दलित बोलकर राष्ट्रपति बनाया ! यह व्यवहार सभ्यता के हिसाब से भी कहा तक ठीक है ?
अब आदिवासी महिला को बनाया है ! राजनीतिक जोड़तोड़ के लिए दलित, आदिवासीयो के लोगों को इस तरह से इस्तेमाल सदियों से सत्ताधारी लोग करते आ रहे है ! लेकिन उन्हें उचित सम्मान नहीं देते हैं ! उम्मीद करता हूँ कि वर्तमान राष्ट्रपति महोदया आदिवासी और महिला होने के नाते उनका उचित सम्मान करेंगे !
हमारे मित्र और पूर्व सांसद तथा पसमांदा मुस्लिम समुदाय के नेता ! श्री. अलि अन्वर अन्सारीजी ने बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है ! कि हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय समिति की बैठक में नरेंद्र मोदीजी ने कहा कि ” पसमांदा लोगों को स्नेह करना चाहिए” ! तो जवाब में अलि अन्वर अन्सारीजी ने कहा कि “पसमांदा को स्नेह की नही सम्मान की जरुरत है” ! और मै शतप्रतिशत हमारे मित्र अलि अन्वर अन्सारीजी के सम्मान वाली बात के साथ सहमत हूँ !
क्योंकि पिछले कुछ सालों से समस्त मुस्लिम समुदाय को ही ! अछूत बनाने का काम नियोजित ढंग से संघ के द्वारा, 1925 से ही शुरू किया गया है ! जिसके कारण आज संपूर्ण भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक मुस्लिम समुदाय दलितों से भी ज्यादा, अस्पृश्यता के माहौल में जीने के लिए मजबूर हुआ है ! और यह भारत जैसे देश के समाजस्वास्थ के लिए खतरनाक है ! क्योंकि दुनिया की दूसरी अल्पसंख्यक समुदाय की सबसे बड़ी जनसंख्या में भारत में रहती है ! और उन्हें गुजरात, भागलपुर जैसे दंगे, और जिस तरह के विभिन्न विवाद निर्माण करके जर्मनी में सौ साल पहले ! जिस तरह यहुदी समुदाय के साथ व्यवहार किया था ! बिल्कुल वैसा ही व्यवहार आज भारत में मुसलमानों के साथ कीया जा रहा है !
और इसलिए श्री अलि अन्वर अन्सारी जी की सम्मान देने की मांग का समर्थन करते हुए ! लिखना चाहता हूँ कि सम्मान मांगने से नहीं मीलता है ! उसके लिए संघ को अपनी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बदनामी की मुहिम बंद करने की जरूरत है ! संघ अपने शाखाओं में आए दिन खेल, गाने, बौध्दिकोमेसे जबतक अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बदनामी की मुहिम रोकेगा नही तबतक सम्मान की भावना निर्माण होना असंभव है !
भारत के इतिहास में पहली बार आठ साल से आई हुई सरकार, जिस गति से भारत के सभी सरकारी प्रतिष्ठानों को प्रायवेट मास्टर्स को सौपते जा रही है ! तो फिर सरकार की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए और संसद, विधानसभा, न्यायालय, चुनाव आयोग सरकार के कामों में बेवजह खलल पैदा करते हैं ! इस सरकार को बहुत जल्द देश का विकास करना है ! और यह विरोधी दल नासमझ, नादान देश के विकास में सबसे बडी बाधा है ! इसलिए सरकार को ईडी, सीबीआई की मदद लेने की आवश्यकता पड़ती है ! अब तो गिरफ्तार करने का भी अधिकार दिया है ! लेकिन इसके कारण सरकार के कामों की गति कम हो जाती है !
अभिभी इतना सारा जंगल बचा है ! जो हमारे देश के विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा है ! यह हमारे देश के पर्यावरण मंत्री महोदय ने कहा है ! इसी तरह कलकारखानो के मजदूर युनियन के कारण देश की प्रगति की गति कम होने के कारण मजदूरों की यूनियन की नकेल कसने की जरूरत पडी थी ! अब आने वाले समय में बच्चों को कहा जायेगा कि किसी कलकारखानो में काम करने वाले लोगों की युनियने होती थी ! जो कि मजदूरों को काम नहीं करना, और सिर्फ तनख्वाहें लेने के लिए उकसाती थी ! तो अब वह सब खत्म कर दिया है ! और देश का विकास बुलेट-ट्रेन की गति से चल रहा है ! क्योंकि हमें विश्वगुरु जो बनना है !
लेकिन सबसे जबरदस्त उपाय सरकारी विभागों में नई बहाली बिल्कुल नहीं करना ! और करना भी है तो, रोजंदारी मजदूर की तरह दस पंद्रह हजार रुपये में रखा जाय ! तो अन्य सहुलियत देने की जरूरत नहीं ! और यूनियन जैसे सिरदर्द से भी मुक्ति ! और सोशल वेल्फेअर के नाम पर वरिष्ठ नागरिकों को तथा अन्य गरिबो को जो भी पिछले सरकार ने सहुलियत दे रखी थी ! वर्तमान सरकार ने बंद करने का फैसला लिया है ! क्योंकि इतना बड़ा खर्च कर के सेंट्रल वीस्टा, प्रधानमंत्री के लिये महंगा वायुयान खरीदना देश की भलाई के लिए सबसे पहले जरूरत है !
लेकिन जब संसद में बहसमुहाबसा ही करना नहीं है ! तो इतना खर्च करने की आवश्यकता ही क्या है ? अच्छा देश – विदेश के लोगों को बताने की आवश्यकता है कि हमारे देश में भी संसद है ! जैसे चीन, रशिया को भी यह सब करना पड़ता है ! भले ही दिखावा हो !
वैसे भी पंडित दिनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानवतावाद की सिख दी हुई, स्वयंसेवकों की ही सरकार है ! और श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दिनदयाल उपाध्याय तथा गुरु गोलवलकर के सपनों को पूरा करने के लिए और कब समय है ? वैसे भी प्रधानसेवक उम्र के पचहत्तर के तरफ चले जा रहे हैं ! आज भले ही वह पच्चीस साल के युवा की उर्जा से काम कर रहे हैं ! लेकिन उम्रदराज होना यह अभी तक कोई रोक नहीं सका !
लेकिन सरकारी संत महात्मा और आयुर्वेद के महापंडित आधुनिक चरक, पतंजली अपने प्रयोगशालाओं में क्या – क्या प्रयोग कर रहे हैं ? या कर चुके होंगे ! क्योंकि अक्तूबर 2002 को गुजरात के मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले व्यक्ति की काली दाढी सिर्फ सफेद हो गई ! लेकिन शरिर की हरकत पहले से ज्यादा उर्जावान लगने की वजह चौबीसों घण्टे विभिन्न संत, महात्मा और पंडित लोग अपनी – अपनी प्रयोगशालाओं में कर रहे प्रयोगों से कुछ संजीवक तैयार हुआ होगा जो असामान्य लोगों के लिए उपलब्ध होगा ! और बहुत संभावना है कि इस महान भारत देश की सेवा करने के लिए विशेष रूप से सव्वासौ साल का समय मिलता है तो ! विश्व क्या ब्रम्हांड के गुरू बन सकते हैं !