केंद्रीय मंत्रिमंडल और इसकी विभिन्न समितियों द्वारा मिलने वाले नोट्स की गुणवत्ता में सुधार के बाबत बार- बार समझाए जाने के बावजूद संयुक्त सचिव स्तर के बाबुओं पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. आख़िर में केंद्रीय सचिव के एम चंद्रशेखर ने फैसला किया है कि वह बाबुओं को स्पष्ट और त्रुटिमुक्त नोट्स बनाना सिखाएंगे.
सूत्रों के मुताबिक़, केंद्रीय सचिव बाबुओं से काफी नाराज़ हैं. उनकी नाराज़गी की वजह यह है कि सचिवों समेत कई वरिष्ठ बाबुओं को स्पष्ट कैबिनेट नोट बनाने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश पुस्तिका देने के बावजूद नोट्स की पृष्ठभूमि में कई बाहरी सूचनाएं मिल रही हैं. सूत्रों का कहना है कि कई कैबिनेट नोट्स तो इतनी लापरवाही से तैयार किए गए थे कि उनमें मंत्रालय का नाम, पृष्ठ व फाइल संख्या, पैराग्राफ और टाइपिंग जैसी बुनियादी ग़लतियां थीं. उक्त ग़लतियां जब तक बाबुओं की नज़र में थीं, तब तक तो किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन आज आरटीआई जैसे अधिकारों से लैस जनता के सामने सरकारी फाइलों और दस्तावेजों को देखने का रास्ता खुल गया है. ज़ाहिर है, ऐसे में बाबुओं को अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत है. इसलिए अब कैबिनेट नोट को अंतिम रूप देने से पहले बाबुओं को केंद्रीय सचिवालय की जांच प्रक्रिया से गुज़रने के अलावा पीएमओ कार्यालय से भी स्वीकृति लेनी पड़ेगी. क्या चंद्रशेखर की इस पाठशाला का बाबुओं पर कोई असर पड़ेगा? यह तो स़िर्फ समय ही बताएगा!
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