नई दिल्लीः हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, 2017-18 की तुलना में इस साल गैर-एल्कोहल फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) के मामलों में वृद्धि हुई है. हालांकि, अभी तक कोई निश्चित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि वे हर महीने कम से कम 10 से 12 नए मामले देख रहे हैं जो हर आयु वर्ग के हैं.
डॉक्टर्स की मानें तो सभी प्रकार के एनएएफएलडी घातक नहीं हैं, लेकिन इनकी अनदेखी आगे चलकर परेशानी का सबब बन सकती है. एक बार फैटी लिवर के पता लगने के बाद रोगी को यह जानने के लिए आगे के परीक्षणों से गुजरना होता है कि लिवर में जख्म या सूजन तो नहीं है. लिवर की सूजन के लगभग 20 प्रतिशत मामलों में सिरोसिस विकसित होने की संभावना होती है. इसे एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है. जब तक स्थति में प्रगति न हो, तब तक लक्षणों की स्पष्ट कमी होती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
हेल्थ केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.के.के. अग्रवाल का कहना है कि एनएएफएलडी में लिवर की अनेक दशाओं को शामिल माना जाता है, जो ऐसे लोगों को प्रभावित करती हैं जो शराब नहीं पीते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, इस स्थिति की मुख्य विशेषता लिवर कोशिकाओं में बहुत अधिक वसा का जमा होना है. एक स्वस्थ लिवर में कम या बिल्कुल भी वसा नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि एनएएफएलडी वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने की अधिक संभावना रहती है और यह उनमें मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है. वजन में लगभग 10 प्रतिशत की कमी लाने से वसायुक्त लिवर और सूजन में सुधार हो सकता है.कुछ शोधों के मुताबिक, दालचीनी अपने एंटीऑक्सिडेंट और इंसुलिन-सेंसिटाइजर गुणों के कारण लिपिड प्रोफाइल और एनएएफएलडी को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है.
डॉ. अग्रवाल के लिवर का हेल्दी रखने के कुछ सुझाव दिए हैं-
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा से भरपूर वनस्पति आधारित आहार का सेवन करें.
यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो प्रत्येक दिन खाने वाली कैलोरी की संख्या कम करें और अधिक व्यायाम करें. यदि आपका स्वस्थ वजन है, तो स्वस्थ आहार का चयन करके और व्यायाम करके इसे बनाए रखने के लिए काम करें.
सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करें. हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें.