दरभंगा और पूर्णिया में नए हवाई अड्डे बनाने से सम्बन्धित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया बयान के बाद हवाई यात्रा को लेकर गया से एक राहत वाली खबर आई है. गया अब बिहार-झारखंड का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा. इस हवाई अड्डे के रनवे विस्तार को लेकर भूमि अधिग्रहण में जो अड़चने थीं, उन्हें दूर कर लिया गया है. अब जल्द ही यहां जम्बो जेट, कार्गो प्लेन और एयर बस उतरते दिखेंगे. दुनियाभर के बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए अस्था का केंद्र होने के कारण लोग यहां सीधे हवाई यात्रा के जरिए आना पसंद करते हैं, लेकिन रनवे की लम्बाई कम होने के कारण यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ान में परेशानी हो रही थी.
इस हवाई अड्डे के आस-पास स्थित हरियो, चरोआ, दुबहल तथा विशुनगंज गांव के लोग भूमि मुआवजा को लेकर अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे. सबसे अधिक विरोध मुआवजा राशि को लेकर था. कम राशि की बात कहकर विशुनगंज गांव के लोगों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था. ग्रामीणों का आरोप है कि हवाई अड्डा के विस्तार के लिए पूर्वी छोर पर स्थित गांव हरियो की जमीन का बेहतर मूल्यांकन कर उन्हें अधिक राशि का भुगतान किया गया है. विशुनगंज की जमीन के लिए प्रशासन 7,765 रुपए प्रति डिसमिल दे रही थी, जबकि इसके विपरीत हरियो गांव के लोगों को 10,554 रुपए प्रति डिसमिल की दर से भुगतान किया गया है. इस संबंध में लिगल एक्सपर्ट बताते हैं कि विशुनगंज की जमीन का अवार्ड नोटिफाई हो चुका है. ऐसे में ग्रामीण भी अब जमीन देने से इनकार नहीं कर सकते. गया जिलाधिकारी कुमार रवि ने मुआवजा राशि बढ़ाने को लेकर विशुनगंज के ग्रामीणों से आवेदन मांगा था.
इधर, भूमि अर्जन व पुनर्वासन प्राधिकार के विशेष कोर्ट के जज एनके श्रीवास्तव ने 14 मामलों में किसानो के पक्ष में फैसला सुनाया और आदेश दिया कि किसानों को 84 हजार रुपए प्रति डिसमील से 4 गुणा अधिक अर्थात 3 लाख 36 हजार रुपए मुआवजे के साथ 12 फीसदी वार्षिक ब्याज की राशि जोड़कर दिया जाय. ब्याज की राशि 1 जनवरी 2014 से देय होगी. भूमि अधिग्रहण से जुड़े शेष मामलों में भी इसी तरह का निर्णय आने की संभावना है. इस फैसले के बाद 2012 से लंबित एयरपोर्ट के विस्तार को गति मिलेगी तथा इसके मास्टर प्लान पर शीघ्र कार्रवाई हो सकेगी. एयरपोर्ट विस्तार के लिए हरियो, चरोवा दूबहल व विशुनगंज गांव से भूमि अधिग्रहण किया जाना था. शेष गांव से जरूरत के हिसाब से भूमि का अधिग्रहण हो चुका है.
अधिग्रहण के बाद रनवे की लम्बाई 5 पांच सौ मीटर व चौड़ाई 15 मीटर बढ़ाई जाएगी. वर्तमान में रनवे की लम्बाई 2286 मीटर व चौड़ाई 45 मीटर है. रनवे की लम्बाई बढ़ाने से गया में जम्बो जेट, कार्गो प्लेन व ऐयर बस 319, 320 व 321 की सुविधा उपल्बध हो सकेगी. 950 एकड़ में फैला गया हवाई अड्डा बिहार का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है. फिलहाल थाइलैंड, म्यांमार और श्रीलंका से पर्यटन सीजन में यहां के लिए हवाई यात्रा की शुरुआत होती है.
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने के बाद वियतनाम, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, जपान, भूटान और चीन आदि देशों से भी बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु सीधे गया हवाई अड्डा आ सकेंगे. इसे लेकर बोधगया के टूर एंड ट्रेवेल्स व्यवसाय से जुड़े लोगों में भी खुशी है. गया में बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध होने से यहां विदेशी पर्यटको की संख्या में करीब दो गुना की वृद्धि हो जाएगी.
बोधगया के बट लाओं इंटरनेशनल बौद्धमठ के मैनेजर संजय कुमार सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से विदेशी बौद्ध श्रद्धालु बड़ी संख्या में बोधगया आकर तथागत की तपोभूमि को नमन करना चाहेंगे. अभी ज्यादातर विदेशी पर्यटक दिल्ली, बनारस, सारनाथ आदि जगहों के हिसाब से बोधगया के लिए टूर प्लान करते हैं. अधिकतर विदेशी पर्यटक बोधगया, राजगीर होते हुए बनारस लौट जाते हैं. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से देशी-विदेशी पर्यटकों को काफी लाभ होगा. बोधगया आने वाले विदेशी पर्यटक भी यह जानकर खुश हैं कि अब यहां से अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ान में कोई समस्या नही होगी.